महात्मा गांधी पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले संत कालीचरण की गिरफ़्तारी
भगवान राम और ब्राहम्ण विरोधी बयान देने वाले सीएम भूपेश बघेल के पिता पर दिखावटी कार्यवाही क्यों?
भूपेश बघेल सरकार में दोहरी कानून व्यवस्था क्यों, कानून सबके लिए एक समान पर भेदभाव क्यों?
राम-वन-गमन-पथ से भगवान राम के नाम पर 2018 में वोट मांगने वाले भूपेश बघेल पिता पर कार्यवाही करेंगे?
धर्म संसद में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले संत कालीचरण को छत्तीसगढ़ पुलिस ने धारा 500 के तहत, सौहार्द बिगाड़ने और जनमानस को भड़काने के आरोप में मध्यप्रदेश के खजुराहो से गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है। इस गिरफ़्तारी के साथ ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। आज की स्थिति में प्रदेश में ऐसे कई संगीन मामले चल रहे हैं जिन पर पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ रख कर बैठी है। कहीं न कहीं भूपेश बघेल नहीं चाहते कि उन पर कोई कार्यवाही हो।
अपने खास दागी अफसर, रिश्तेदार सलाहकार और सबसे खास महिला अधिकारी पर क्यों कार्यवाही नही करते भूपेश बघेल
बहुचर्चित नान घोटाले के बारे में सब जानते हैं। इस घोटाले के गुनहगारों आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा को भूपेश बघेल ने तिरस्कृत करने के बजाए पुरूस्कृत किया है। आज इसके गुनहगार जमानत पर हैं और मुख्यमंत्री के खास बने हुए हैं। वहीं मुख्यमंत्री की खास सौम्या चौरसिया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय में मामला दर्ज है। छत्तीसगढ़ पुलिस को ऐसी त्वरित कार्यवाही अपने मुख्यमंत्री और उनके रिश्तेदार, सलाहकार पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ भी करना चाहिए जिनके विरूद्ध लोकायुक्त में शिकायत की जा चुकी है कि भूपेश बघेल ने दिल्ली में विनोद वर्मा के नाम का फलैट खरीदवाया, जबकि इसमें पैसे भूपेश बघेल के लगे हैं। इस शिकायत में भूपेश बघेल के खिलाफ और भी आर्थिक मामलों की शिकायत की गई। इसके अलावा अपने बड़बोलेपन और बयानबाजी को लेकर चर्चा में रहने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के खिलाफ अपशब्द कहे हैं। कई बार ब्राम्हण समाज को निशाना बनाया है। उन्होंने ब्राम्हण समाज की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। कुछ समय पहले ही यूपी के लखनऊ में एक आंदोलन के दौरान मीडिया को बयान देते हुए उन्होंने कहा था कि ब्राम्हण विदेशी हैं और वे उत्तरप्रदेश में उनके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करेंगे ताकि उन्हें मंदिरों से निकाला जाए। हालांकि मामला बढ़ता देख छत्तीसगढ़ सरकार ने नंदकुमार बघेल के खिलाफ एक दिखावटी एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। धार्मिक भावनाएं भड़काने, दंगा भड़काने की धारा 153 ए के तहत एफआईआर दर्ज करवाई थी। छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में तुहिन मलिक हत्याकांड में आईएएस किरण कौशल के भाई को पुलिस नहीं पकड़ पायी। ऐसे और भी कई मामले हैं जिनमें भूपेश बघेल ने इतनी तत्परता नहीं दिखाई है। ऐसे एक नहीं सैकड़ों मामले हैं जो कहीं न कहीं भूपेश बघेल की भेदभावपूर्ण रवैये को दर्शाते हैं।
मैं संत कालीचरण की गिरफ़्तारी की आलोचना नहीं कर रही हॅू। मैं मानती हॅू कि किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि किसी भी व्यक्ति/राष्ट्रपिता का अपमान करे, उसके खिलाफ अभद्र टिप्पणी करे, शांति और सौहार्द्र बिगाड़ें। पर एक सवाल यह खड़ा हो रहा है। क्या छत्तीसगढ़ में दोहरी कानून व्यवस्था है और दोहरा भेदभावपूर्ण कानून चल रहा है? क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के खिलाफ अपशब्द नहीं कहे हैं? क्या उन्होंने सवर्णों के खिलाफ अपशब्द नहीं कहे हैं? और क्या जाति विशेष ब्राम्हणों के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग कर शांति और सौहार्द्र बिगाड़ने का प्रयास नहीं किया है? यहां सवाल उठता है कि जब किसी की भावनाएं आहत होती हैं तो भूपेश बघेल तुरंत एक्शन लेते हैं। पर यहां उन्होंने अपने पिता के खिलाफ क्यों कुछ खास नहीं किया।
ब्राम्हण कुमार रावण को मत मारो
नंदकुमार बघेल द्वारा लिखित ब्राम्हण कुमार रावण को मत मारो पुस्तक है। इस पुस्तक को 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने प्रतिबंधित किया था और लेखक नंदकुमार बघेल को गिरफ़्तार भी किया था। इस पुस्तक के माध्यम से नंदकुमार बघेल ने मर्यादा पुरूषोत्तम राम के खिलाफ अपशब्द कहे गए हैं। साथ ही माता सीता के खिलाफ भी पुस्तक में गालियां दी गई हैं। नंदकुमार बघेल अपनी पुस्तक के माध्यम से भगवान राम और सीता के खिलाफ अपशब्द कहते हैं वहीं उनके बेटे सीएम भूपेश बघेल प्रदेश में हिन्दुओं के वोट पाने के लिए रामगमन पथ बनाने की बात करते हैं।
तुहिन मलिक हत्याकांड में अभी तक गिरफ़्तारी क्यों नहीं?
छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में तुहिन मलिक हत्याकांड में आईएएस किरण कौशल के भाई की फरारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कही रसूख के चलते ही तो पुलिस वरुण कौशल को नहीं पकड़ रही है। वरुण कौशल 2018 से फरारी काट रहा है लेकिन पुलिस नहीं पकड़ पायी है। इस हत्याकांड में भी पुलिस ने 02 आरोपियों को तो पकड़ लिया, लेकिन जो मुख्य 2 आरोपी पकड़ से बाहर हैं उनमें से एक सरगुजा कलेक्टर किरण कौशल का भाई है। वरुण कौशल का इस हत्याकांड के अलावा भी राजधानी के अलग अलग थानों में आधा दर्ज से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या का प्रयास, चाकूबाजी आदि जैसे कई मामले शामिल हैं। किसी भी मामले में पुलिस को आज तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इस हत्याकांड में जो कार प्रयुक्त हुई थी वह भी वरुण कौशल की ही है। 2 आरोपियों की गिरफ्तारी और मुख्य आरोपी वरुण कौशल और समीर साहू की फरारी से कई सवाल रायपुर पुलिस पर उठने लगे हैं। यहां भूपेश बघेल क्यों नहीं तत्परता दिखा रहे हैं।