रात की पार्टी में कई बार शराब पीने के बाद अगले दिन तक हैंगओवर रहता है. इसके बाद से शरीर में एक तरह की बैचेनी होने लगती है. लोग हैंगओवर को लेकर इतना परेशान रहते हैं कि अगर अगले दिन उनका ऑफिस है, तो वो शराब भी नहीं पीते. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शराब पीने के बाद आखिर हैंगओवर क्यों होता है? हालांकि यह सबके साथ नहीं होता, लेकिन दुनिया के लगभग 22% लोग शराब पीने के बाद इस हैंगओवर वाली बेचैनी को महसूस करते हैं. अक्सर लोग इसे "हैंगओवर एंग्जायटी" या "हैंगजाइटी" कहते हैं.

पहले बात करेंगे कि आखिर कैसे और किस कारण हैंगओवर होता है?
दरअसल, हैंगओवर तब होता है जब शराब पीने के बाद शरीर को उसके प्रभाव से उबरने में समय लगता है. शराब के सेवन के कारण शरीर में कई जैविक और रासायनिक बदलाव होते हैं, जिनकी वजह से शरीर में विभिन्न लक्षण उत्पन्न होते हैं. अब इसके पीछे के विज्ञान को समझते हैं.

  • डिहाइड्रेशन: शराब एक डाइयूरेटिक पदार्थ है, यानी यह शरीर से पानी को बाहर निकालती है. इसके कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे सिरदर्द, सूखा मुंह और थकान महसूस होती है.
  • बल्ड शुगर लेवल: शराब शरीर में ग्लूकोज के स्तर को गिरा देती है, जिससे ऊर्जा की कमी होती है और कमजोरी, चिड़चिड़ापन और थकान महसूस होती है. यह दिमाग करने के प्रभाव पर भी असर डालता है.
  • विटामिन और मिनरल्स की कमी: शराब पीने से शरीर में जरूरी विटामिन और मिनरल्स, जैसे कि B-विटामिन और पोटेशियम की कमी हो जाती है, जो हैंगओवर को और बढ़ा सकते हैं.
  • ग्लूटामेट और गामा-अमिनोब्यूट्रिक एसिडका असंतुलन: शराब एक तंत्रिका तंत्र अवसादक है. यह दिमाग में गामा-अमिनोब्यूट्रिक एसिड (GABA) के स्तर को बढ़ा देती है, जिससे व्यक्ति को शांत और आराम महसूस होता है. वहीं, यह ग्लूटामेट को कम कर देती है, जिससे सोचने की गति धीमी हो जाती है. शराब के असर के खत्म होने के बाद, मस्तिष्क इन रसायनों को संतुलित करने की कोशिश करता है, जिससे उल्टा असर होता है. ग्लूटामेट बढ़ता है और GABA घटता है, जिससे चिंता, घबराहट और थकान जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं.

ये तो हो गया हैंगओवर का विज्ञान. अब जानेंगे कि हैंगओवर के समय बेचैनी क्यों होती है. इसे "हैंगओवर एंग्जायटी" या "हैंगजाइटी" कहते हैं. हैंगजाइटी के लक्षण और गहराई व्यक्ति पर निर्भर करते हैं, कुछ के लिए यह हल्का तनाव हो सकता है जबकि अन्य के लिए यह बेहद असहज करने वाली स्थिति होती है. आइए जानते हैं कि हैंगजाइटी क्यों होती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है.

शराब और मस्तिष्क: कैसे शराब अवसादक के रूप में काम करती है?
शराब पीने के बाद हमारा शरीर और मस्तिष्क कई बदलावों से गुजरते हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो शराब तंत्रिका तंत्र पर अवसादक का काम करती है। इसका मतलब है कि यह हमारे मस्तिष्क में रासायनिक संदेशवाहकों, जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर कहते हैं, को प्रभावित करती है। शराब GABA को बढ़ाती है, जो एक ऐसा न्यूरोट्रांसमीटर है, जो हमें शांत और आराम महसूस कराता है. इसके अलावा, यह ग्लूटामेट को कम कर देती है जिससे हमारे विचार धीमे हो जाते हैं और हम शांत अवस्था में पहुंच जाते हैं. इसी कारण से शराब पीने के दौरान व्यक्ति को मिलनसार और लापरवाह महसूस होता है. लेकिन जैसे ही शराब का असर खत्म होता है, मस्तिष्क संतुलन बनाने के लिए GABA को कम करने और ग्लूटामेट को बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर देता है. यह बदलाव मस्तिष्क पर उल्टा असर डालता है और उसे अतिउत्तेजित कर देता है, जिससे व्यक्ति में बेचैनी और चिंता का अनुभव होता है। इस स्थिति में मस्तिष्क अधिक संवेदनशील हो जाता है और व्यक्ति को डर और असुरक्षा का अनुभव हो सकता है.

शराब पीने के बाद हैंगजाइटी क्यों होती है?
यह प्रश्न स्वाभाविक रूप से उठता है कि सभी लोग हैंगजाइटी का अनुभव क्यों नहीं करते. इसके कई कारण हो सकते हैं जिनमें मुख्य रूप से व्यक्ति के जीन, उनकी सहनशक्ति और मानसिक स्थिति का योगदान होता है. कुछ लोग शराब का सेवन करने के बाद खुद को सामान्य महसूस कर पाते हैं जबकि अन्य में हैंगजाइटी के लक्षण ज्यादा तीव्र होते हैं. शोध के अनुसार, हमारे जीन इस बात में अहम भूमिका निभाते हैं कि हमारा शरीर शराब को कैसे प्रोसेस करता है. कुछ लोगों में शराब का प्रभाव कम समय में खत्म हो जाता है जबकि कुछ में यह लंबे समय तक रहता है. यह सब जीन के कारण होता है. इसके अलावा, जो लोग पहले से ही चिंता या तनाव से जूझ रहे होते हैं उनमें हैंगजाइटी का अनुभव होने की संभावना अधिक होती है. ऐसे लोग अक्सर सामाजिक कार्यक्रमों में सहज महसूस करने के लिए शराब पीते हैं, लेकिन इससे उनके लिए हैंगजाइटी का खतरा और बढ़ जाता है.

हैंगजाइटी के दौरान क्या करें?
यदि शराब पीने के बाद अगली सुबह आपको बेचैनी महसूस हो रही है, तो पहले शारीरिक लक्षणों का ध्यान रखें. हाइड्रेटेड रहें, क्योंकि शरीर में पानी की कमी होने से स्थिति और बिगड़ सकती है. हल्का और पोषणयुक्त आहार लें, जिससे शरीर को ताकत मिले. पर्याप्त आराम करना भी बहुत जरूरी है क्योंकि हैंगओवर के दौरान नींद में खलल के कारण व्यक्ति की मानसिक स्थिति प्रभावित होती है.

हैंगजाइटी को रोकने के उपाय
हैंगजाइटी से बचने का सबसे आसान तरीका है शराब का सीमित सेवन करना. विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाएं प्रति सप्ताह दस ड्रिंक से अधिक न पीने की सलाह देती हैं, और किसी एक दिन में चार से अधिक ड्रिंक न लेने की सलाह दी जाती है. जितनी अधिक शराब आप पीएंगे, उतनी ही ज्यादा हैंगओवर के लक्षण तीव्र होंगे और आपकी मानसिक स्थिति भी प्रभावित होगी. इसलिए शराब पीते समय मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है.

शराब पीते समय अन्य नशों से बचें
शराब के साथ अन्य नशे या दवाओं का सेवन भी खतरनाक हो सकता है. कई पार्टी ड्रग्स जैसे एमडीएमए, एक्स्टसी और अन्य मादक पदार्थों का उपयोग हैंगजाइटी की संभावना को और अधिक बढ़ा सकते हैं. इतना ही ये काम सिगरेट भी कर सकती है. इन दवाओं का प्रभाव खत्म होते ही शरीर और मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ता है, जिससे व्यक्ति और अधिक चिंतित महसूस कर सकता है.