भोपाल ।   प्रदेश सरकार ने शहडोल कमिश्नर राजीव शर्मा की रिपोर्ट पर मंगलवार को अनूपपुर के पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल को हटा दिया। उनको लेकर कर्मचारी संगठनों ने शिकायत की थी कि वे अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर अधिकारियों-कर्मचारियों को परेशान कर रहे हैं। इससे कर्मचारियों में भय व्याप्त है और वे अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। कमिश्नर ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को पत्र लिखकर अनूपपुर जिले में स्थिति को गंभीर बताते हुए शासन स्तर से त्वरित हस्तक्षेप करने की आवश्यकता बताई थी। राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था। मध्य प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ, राज्य कर्मचारी संघ और संयुक्त मोर्चा ने अनूपपुर के पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल के विरुद्ध अक्टूबर में शिकायत की थी। इसमें बताया गया कि 22 मई 2022 को शहरी विकास प्राधिकरण की सहायक परियोजना अधिकारी मीना कोरी के विरुद्ध बिना विभागीय जांच और प्रशासनिक अनुमोदन के रात 11 बजे प्राथमिकी की गई। जबकि, सामान्य प्रशासन विभाग का नियम है कि अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने से पहले सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमोदन लेना होगा। इसी तरह राजनगर पशु चिकित्सा अधिकारी डा. बीर सिंह क्रहोलिया को एक शिकायत के आधार पर बार-बार पुलिस थाने बुलाया जाता रहा। जबकि, विभाग द्वारा जांच की जा रही थी। इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय पोंड़की के प्रोफेसर श्रीदेवी को भी बार-बार थाने बुलाया गया। शासकीय दस्तावेज और साक्ष्य देने के लिए बाध्य किया गया। इस प्रकार के कुछ और प्रकरण सामने आए। कर्मचारी संगठनों ने इसकी शिकायत शहडोल संभागायुक्त से की और मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन से कार्रवाई करने का अनुरोध किया। कमिश्नर की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल को अनूपपुर से हटाकर पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक पद पर पदस्थ कर दिया। उनके स्थान पर अभी किसी अन्य अधिकारी की पदस्थापना नहीं की गई है।