सरकार की ओर से घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को 4,250 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 7,100 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया कि विंडफॉल टैक्स की बढ़ी हुई दरें 15 अगस्त से लागू हो गई हैं।

इसके अलावा सरकार द्वारा डीजल पर निर्यात शुल्क बढ़ाकर 5.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जो कि पहले एक रुपये प्रति लीटर था। एटीएफ यानी एविएशन टरबाइन फ्यूल पर विंडफॉल टैक्स बढ़ाकर 2 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। यह पहले शून्य था।

विंडफॉल टैक्स का घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमत पर कोई असर नहीं होता है, क्योंकि ये निर्यात किए जाने वाले पेट्रोल-डीजल पर लगाया जाता है।

पेट्रोल पर कितना है विंडफॉल टैक्स?

सरकार द्वारा पेट्रोल पर विंडफॉल टैक्स को शून्य रखा गया है। पेट्रोल पर पहली बार विंडफॉल टैक्स एक जुलाई, 2022 को लगाया गया था, जिसके कुछ समय बाद इसे शून्य कर दिया गया और तब से पेट्रोल पर विंडफॉल टैक्स शून्य बना हुआ है।

एक अगस्त को भी बढ़ाया गया था विंडफॉल टैक्स

सरकार की ओर से इस महीने की शुरुआत में घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर विंडफॉल टैक्स को 1600 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 4,250 रुपये प्रति टन कर दिया था।

कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स बढ़ने की वजह कच्चे तेल की कीमतों में उछाल का माना जा रहा है। हाल के दिनों में ओपेक देशों की ओर से उत्पादन में कटौती के कारण कच्चे तेल की कीमत में तेजी आई है और यह 70 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है।

क्यों लगता है विंडफॉल टैक्स?

भारत में पहली बार विंडफॉल टैक्स एक जुलाई, 2022 को तेल कंपनियों को हो रहे अधिक लाभ के चलते लगाया गया था। इसे घरेलू कच्चे तेल के साथ निर्यात होने वाले पेट्रोल,डीजल, एटीएफ पर लगाया गया था। सरकार हर 15 दिन में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा करती है और इसमें बदलाव किया जाता है।