नई दिल्ली । सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने वाली 20 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने लगातार 10 दिन तक सुनवाई की। गुरुवार को सबमिशन का फाइनल फेज था। 10 दिनों में 40 वकीलों ने दलीलें पेश कीं।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस रवींद्र भट, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की संवैधानिक बेंच दलीलें सुनने के बाद कहा कि यह मुद्दा केवल स्पेशल मैरिज एक्ट तक ही सीमित रहेगा। हम पर्सनल लॉ को नहीं छेड़ेंगे। हम फैसला सुरक्षित रखेंगे। इससे पहले, 9वें दिन की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया था कि मामले पर राय रखने के लिए सभी राज्यों को 18 अप्रैल को पत्र लिखे गए थे। उनमें से मणिपुर, आंध्र प्रदेश, यूपी, महाराष्ट्र, असम, सिक्किम और राजस्थान से जवाब मिले हैं। राजस्थान इसके विरोध में है। बाकी राज्यों का कहना है कि इस मुद्दे पर बहस की जरूरत है।