संघ की राष्ट्रीय बैठक में हिंदू एकता पर विशेष जोर :कृष्णमोहन झा
कृष्णमोहन झा लेखक राजनैतिक विश्लेषक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बंगला देश में हिन्दुओं सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गहरी चिंता व्यक्त की है। संघ की मथुरा में संपन्न राष्ट्रीय बैठक के समापन के बाद सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र को बंगला देश में हिन्दुओं सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने चाहिए । भारत सरकार ने भी कहा है कि वह बंगला देश में रहने वाले हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा करेगी। सरकार्यवाह ने कहा कि संघ का मत है कि बंगला देश के हिंदुओं को वहां से पलायन नहीं करना चाहिए। बंगला देश उनकी मातृभूमि है। भारत ने पाकिस्तान से उसको आजाद कराने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संघ का मानना है कि वहां हमारी एक 'शक्तिपीठ' है । उस हिस्से ने हमारी आजादी के इतिहास में बहुत योगदान दिया है। गौरतलब है कि सरसंघचालक मोहन भागवत ने इसी वर्ष विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में आयोजित संघ के स्थापना दिवस समारोह में अपने वार्षिक उद्बोधन में भी बंगला देश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ हुई हिंसक घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि बंगला देश की घटनाओं में विश्व के हिंदू समुदाय के लिए यह संदेश छिपा हुआ है किष असंगठित रहना अत्याचारों को निमंत्रण देना है। जब बंगला देश के हिंदुओं ने एक जुट होकर हिंसा का प्रतिकार किया तो उन पर होने वाले हमले रुक गये। संघ प्रमुख ने भारत सरकार और पूरी दुनिया के हिंदुओं से बंगला के हिंदुओं की मदद करने की अपील की थी। विगत दिनों मथुरा में संपन्न संघ की राष्ट्रीय बैठक में पुनः उस बात पर जोर दिया गया ।
पत्रकार वार्ता में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले से जब "बंटेंगे तो कटेंगे" नारे पर संघ की राय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने संघ के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसके पीछे जो भावना है वह महत्वपूर्ण है। असली मुद्दा एकता का है। सरकार्यवाह ने कहा कि हिंदू एकता सभी की सुरक्षा,विश्व सद्भाव , और शांति सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। उन्होंने उन ताकतों से सावधान रहने की आवश्यकता को रेखांकित किया जो धर्म ,जाति , विचार धारा और अन्य तरीकों से हिंदुओं को बांटने की कोशिश कर रही हैं। सरकार्यवाह ने कहा कि हिंदू एकता संघ की प्रतिज्ञा है। किसी भी राष्ट्र के निर्माण के लिए एकता महत्वपूर्ण है।
सरकार्यवाह ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में भाजपा और संघ के बीच खींचतान की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि खींचतान की बात मीडिया में है, हमारे यहां नहीं है। हम सभी से मिलते हैं। समाज के सभी लोगों से मिलते हैं । हमारे पदाधिकारी भी समाज के सभी लोगों से मिलते हैं। संघ चाहता है कि हमारे सभी संगठन आत्मनिर्भर बनें। राहुल गांधी से जुड़े एक सवाल पर सरकार्यवाह ने कहा कि आप समाज में नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दुकान चलाने की बात करते हो परन्तु हमसे नहीं मिलना नहीं चाहते। हम तो समाज के हर वर्ग के लोगों से मिलते हैं। सरकार्यवाह ने कहा कि संघ ने इस साल अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश किया है। जब संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे तब बड़े पैमाने संघ अपनी शताब्दी मनाएगा। उन्होंने एक साल में संघ के विस्तार की जानकारी देते हुए बताया कि इस साल संघ की 6645 नयी शाखाएं प्रारंभ हुई है। पिछले साल की तुलना में 3626 नये स्थानों पर संघ की शाखाएं लगना प्रारंभ हुई। जिन स्थानो पर संघ की शाखाएं लगना शुरू नहीं हुआ है वहां समाज के लोग एकत्र हो कर आपस में भाईचारा बढ़ाने और भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार के काम में जुटे हुए हैं।