संगोष्ठी और कवि सम्मेलन
विशाखापत्तनम दिनाँक16/10/22 सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक अल्लुरी सीता राम राजू विज्ञान केंद्र डाबा गार्डन के चतुर्थ माले के सभागार मे वाजा ए.पी.के तत्वावधान में त्रैमासिक संगोष्ठी एवम् कवि सम्मेलन का आयोजन दो सत्र मे समपन्न हुआ।इस आयोजन मे मुख्य अतिथि व वाजा के जानेमाने साहित्यकार रियर एडमिरल खुर्रम शहजाद नूर मुख्य अतिथि रहे। अध्यक्ष श्री डा.कृष्ण बाबू सर की उपस्थित मे व शहर के अन्य गणमान्य नागरिक गण जो साहित्यिकारों वह साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति मे सभी का फलों से स्वागत करते हुए डा.कृष्ण बाबू सर के व्दारा सरस्वती वंदना व उदबोधन फिर डा हेमलता राव जी के उदगार के साथ हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार मे पत्रकारिता का हमारे जीवन मे योगदान व भूमिका पर सुंदर आख्यान के साथ जीवन के बहुमूल्य अनुभवों को साझा किया गया। इस अवसर पर रियर एडमिरल खुर्रम शहजाद नूर जी ने वाजा आंध्रप्रदेश तथा विशाख पट्टणम शहर से जुड़ी बेशुमार यादों को ताजा किया। इस प्रकार प्रथम सत्र की समाप्ति हुई इस सत्र का सफल संचालन वाजा आंध्रप्रदेश इकाई की महा सचिव डॉ निर्मला देवी चिट्टिल्ल व्दारा किया गया। इस मंच पर भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी कप्तान दिनेश कुमार लांबा द्वारा विरचित ' It would be nice if' नामक बाल मनोविज्ञान की पुस्तक का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में पुस्तक के प्रकाशक श्री एच के मिश्रा भी उपस्थित रहे। दूसरा सत्र चायपान के छोटे से विराम के पश्चात मंचसंचालन डा दीपा गुप्ता द्वारा हुआ। उनकी हास्य फुलझड़ियों का आनंद सभी ने उठाया.। श्रीमती भारती शर्मा जी गोल्ड मेडलिस्ट ..रंगमंच कलाकार के अनुभव व हास्य मिश्रित काव्य और सुंदर गजल गायन, संजीव शर्मा जी की हास्य रचना, लिंगम चिरंजीव राव जी के कुछ मुक्तक, सुनील कुमार जी का हिंदी प्रेम वीर रस से ओतप्रोत उनका काव्यपाठ, जूही जी का हास्य मिश्रित श्रृगार की बानगी, दीपा गुप्ता जी का वसीयतनामा,राजेश गौडजी की संदेश देती आध्यात्मिक रचना के बाद आदरणीय नूर जी के दोहे,'पुरूष को अपनी बेगम से क्या नहीं बताया जाए ' हँसी से सरोबार कृतियों से सभा के सभी लोगों में आनंद और उल्लास की लहर दौड़ गई। श्रीमती भाग्य लक्ष्मी मेडम(हिन्दी अधिकारी, ईस्टन नेवल कमान),श्रीमती सुधा जी और अन्य सभी का अभिनंदन किया गया ।राष्ट्र गान के बाद सभी ने मध्याह्न भोजन ग्रहण किया तथा अगली बैठक की आशा के साथ बिदाई ली। कार्यक्रम अत्यंत सस्नेह तथा सफलपूर्वक संपन्न हुआ।
प्रेषक..लिंगम चिरंजीव राव