एनएसयूआई, सेवादल को दफ्तरों का इंतजार
जयपुर । प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार के बावजूद हालात ऐसे हैं कि पार्टी अपने ही अग्रिम संगठनों को ठिकाना नहीं दे पा रही है, जबकि भाजपा मुख्यालय में सभी अग्रिम संगठनों के लिए कांग्रेस की तुलना में बेहतर जगह मिली हुई है। कांग्रेस के अग्रिम संगठन प्रदेश युवा कांग्रेस, प्रदेश कांग्रेस सेवादल और एनएसयूआई को दो महीने बाद भी अपने लिए स्थाई कार्यालय नहीं मिल पाया है। इन संगठनों से बनीपार्क मुख्यालय खाली कराकर पीसीसी मुख्यालय में शिफ्ट करने की कवायद अभी तक सफल नहीं हुई। अग्रिम संगठनों को हाल ही में 15 हजार रुपए में किराए की बिल्डिंग लेकर शिफ्ट होने का ऑफर भी दिया गया, लेकिन यह ऑफर भी रास नहीं आया। अभी तीनों संगठन पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आश्वासनों पर स्थाई ठिकाने का इंतजार कर रहे हैं।
तीनों संगठनों से बनीपार्क स्थित 613 नंबर बंगला अगस्त के आखिरी सप्ताह में खाली कराने के लिए कहा गया था और सितम्बर के पहले सप्ताह में उन्होंने बंगला खाली कर कार्यालय का सामान पीसीसी मुख्यालय शिफ्ट कर दिया। पीसीसी में पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं होने पर शिफ्टिंग की समस्या बरकरार बनी रही। अग्रिम संगठनों ने पीसीसी के अस्पताल रोड पर नए भवन में भी जगह मांगी, लेकिन वहां भी फैसला नहीं हो सका। इस कवायद के दौरान पीसीसी की तरफ से तीनों संगठनों को 15 हजार रुपए तक किराए में कोई किराए का भवन लेकर शिफ्ट होने का ऑफर भी दिया गया। संगठनों के सामने यह समस्या खड़ी हो गई कि तीनों संगठनों के लिए इतने पैसे में नजदीकी क्षेत्र में भवन मिलना मुश्किल था। लिहाजा यह ऑफर भी लंबा नहीं चल पाया। राजस्थान महिला कांग्रेस का कार्यालय पीसीसी मुख्यालय में ही बना हुआ है, लेकिन एक ही कमरे में चलने वाले इस ऑफिस के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है। महिला कांग्रेस भी राजनीतिक नजरिए से कांग्रेस का बडा अग्रिम संगठन है। पीसीसी मुख्यालय में एक कमरे के दफ्तर में इन दिनों सन्नाटा रहता है,क्योंकि प्रदेशाध्यक्ष रेहाना रियाज अब राज्य महिला आयोग चेयरमैन बन चुकी हैं। उनका इस्तीफा हो चुका है,लेकिन नए अध्यक्ष बनने तक उनके पास ही कार्यभार है। सत्तारूढ पार्टी के चलते महिला कांग्रेस को भी अपनी गतिविधियां चलाने के लिए बडी जगह की जरूरत बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार अब अग्रिम संगठनों को जल्दी ही पीसीसी मुख्यालय में ऊपर नया भवन बनाकर शिफ्ट करने का आश्वासन दिया गया है,लेकिन कवायद शुरू नहीं हुई। तीनों संगठनों से अभी तक स्थाई कार्यालय को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। तीनों में से कोई अस्पताल रोड भवन में शिफ्ट होना चाहता है तो कोई पीसीसी मुख्यालय में शिफ्ट होना है। इनके शिफ्ट होने पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा करेंगे।