देश में यूपीआइ जैसे गैर-नकदी भुगतान या डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी 2026 तक 65 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। अभी कुल भुगतान में इसकी करीब 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंसलटेंसी फर्म बीसीजी और यूपीआइ सेवा प्रदाता फोनपे की संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि दो वर्ष पहले कोविड की शुरुआत के बाद यूपीआइ के इस्तेमाल में तेजी आई है। 2026 तक डिजिटल भुगतान उद्योग भी 10 ट्रिलियन डालर तक पहुंच सकता है जो अभी तीन ट्रिलियन डालर के करीब है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2026 तक देश की करीब 75 प्रतिशत आबादी यूपीआइ का इस्तेमाल करने लगेगी। 2021 में करीब 35 प्रतिशत आबादी यूपीआइ के जरिये भुगतान कर रही थी। बीसीजी के प्रबंध निदेशक प्रतीक रूंगटा का कहना है कि व्यापारिक भुगतानों की वजह से गैर-नकदी या डिजिटल लेनदेन में बढ़ोतरी होगी।2026 तक व्यापारिक भुगतान में करीब सात गुना की बढ़ोतरी हो सकती है और यह 2.5 से 2.7 ट्रिलियन डालर तक पहुंच सकता है। अभी कुल डिजिटल भुगतान में व्यापारिक भुगतान की हिस्सेदारी 0.3 से 0.4 ट्रिलियन डालर के करीब है। इससे गैर-नकदी लेनदेन की संख्या में बढ़ोतरी होगी। रूंगटा ने कहा कि आने वाले समय में सभी प्रकार के व्यापारों में डिजिटल भुगतान शामिल होंगे। जब ज्यादा से ज्यादा व्यापारी डिजिटल भुगतान स्वीकार करेंगे तो इससे डिजिटल लेनदेन की एक बड़ी श्रृंखला का निर्माण होगा और छोटे व्यापारियों के लिए कर्ज जुटाने के अवसर पैदा होंगे।