बारामूला की जनसभा में गुलाम नबी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर जमकर हमला बोला
10 दिनों में नई पार्टी गठन की घोषणा की
बारामूला। जम्मू-कश्मीर में बदली परिस्थितियों में आगामी विधानसभा चुनावों की गहमागहमी बढ़ गई है। सभी दल अब पूरी तरह से मतदाताओं को लुभाने और रिझाने के लिए जुटे हए हैं। ऐसे में खासकर कांग्रेस छोड़ चुके वरिष्ठ नेता और जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद लगातार पब्लिक मीटिंग कर रहे हैं। अब उन्होंने बारामूला जिला के डाक बंगला में एक अहम मीटिंग कर पूर्व की सरकारों पर हमला बोला और कहा कि वह अगले 10 दिनों के भीतर अपनी नई पार्टी का ऐलान कर देंगे। गुलाम नबी आजाद ने रविवार को बारामूला जिले में हुई भारी बारिश के बावजूद भी लोगों के इसमें शिरकत करने पर दिल से आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस भारी बारिश के बावजूद आप यहां बड़ी तादाद में आये। इस छोटी-सी जगह में वाटरप्रुफ टैंट और एक टैंट को जोड़कर इसको बनाया गया है। अगर ये टैंट नहीं लगाया होता तो स्थिति और कुछ ही होती। गुलाम नबी ने अपनी नई पार्टी गठन और उसके ऐलान पर कहा कि जो उसका अगले 10 दिनों के भीतर ऐलान कर दिया जाएगा। यह सब लीडरान नॉर्थ कश्मीर से लेकर साउथ कश्मीर तक बोलने वाले हैं। लेकिन इस बारिश में लोग इतनी देर नहीं रह सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बहुत सारे तूफान जेके में तीन सवा तीन साल में आए हैं। कश्मीर की बदकिश्मती है कि हजारों सालों से कश्मीर की तारीख देखेंगे। हाल ही के कुछ दिनों में हिंदुस्तान की तारीख में बहुत सारे हमलावर बाहर से आये। इतना नहीं 800 सालों में मुगलिया हुकुमत ने हिंदुस्तान पर हुकुमत की। वहीं, कई दर्जन सैकड़ों हुकुमरानों का अंदाजा नहीं जोकि कहीं अंदर तो कहीं बाहर से आकर बदकिश्मती से कश्मीर को आकर लूटकर गये, उस पर हुकुमत करके गये।
उन्होंने कहा कि कश्मीर अपनी अंदरूनी सियासत के चलते आजादी के बाद से हुकुमरानों के हाथों लुटता रहा है। हर 5-10 साल के बाद हमारी रियासत में कश्मीर वादी में कोई न कोई सियासी वोहरान चाहे शेख साब की गिरप्तारी का वक्त हो या 1965 की लड़ाई, उस पार से घुसपैठिये आये हों, उनको कश्मीर के लोगों ने आर्मी के हवाले किया। फिर 1971 की लड़ाई, फिर 1999 की लड़ाई, हर वक्त कश्मीरी, खासकर सबसे ज्यादा नुकसान लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को हुआ। उसका सब लोग शिकार हुए, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी गोलियों के शिकार हुए। इस बीच मिलीटेंसी का ऐसा दौर हुआ, जो थमने का नाम ही नहीं ले रहा है जिसमें हिंदु मुस्लिम सिख कश्मीरी पंडित सबका कत्लेआम हुआ। उन्होंने लोगों के पलायन के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि कई लोग यहां से भागकर जम्मू गये और सियासी बदहाली और बिगड़ गई।
गुलाम नबी आजाद ने जेएंडके में हुए एन्काउंटर के मामलों पर कहा कि कभी असली कभी नकली एन्काउंटर यहां हुए। उन्होंने कहा कि जब मैं सीएम बना था तो उस समय करीब 12-13 सालों तक फर्जी एनकाउंटर नहीं हुआ था। कौन कहता है कि हमनें अपने कार्याकाल के दौरान शिकायतों या फर्जी एन्काउंटर आदि पर एक्शन नहीं लिया।