विशाखापट्टणम   विशाखापट्टणम के लोक ग्रंथालय में   अंतर राष्ट्रीय  हिन्दी संस्था- हिंदी साहित्य भारती आंध्र प्रदेश राज्य  की कार्यकारिणी समिति की बैठक शुक्रवार शाम 4-30 को हिंदी साहित्य भारती के परामर्श दाता  डा.एस. कृष्ण बाबू की अध्यक्षता में  सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई। इस बैठक में  मुख्य अतिथि  के रूप में  डॉक्टर गोरख नाथ तिवारी ,(प्रभारी हिंदी साहित्य भारती आंध्र प्रदेश)और  आत्मीय अतिथि के रूप में  डॉ प्रवीण कुमार सिंह (एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट आर एच एम फार्मा लिमिटेड हैदराबाद) पधारे हैं। ।श्रीमती रेखा तिवारी  जी   के मधुर स्वर में  सरस्वती वंदना ,ततपश्चात भराती जी द्वारा मातृ वंदना ,भारतीय  हिंदी साहित्य संस्था के ध्येय गीत  के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ! प्रार्थना के अनंतर हिन्दी साहित्य भारती आंध्र प्रदेश इकाई की अध्यक्षा डॉ.  पी. के.  जय लक्ष्मी ने सभा का स्वागत करके हिंदी साहित्य भारती के संस्थापन और लक्ष्यों का जिक्र किया। उन्होंने हिन्दी को राजभाषा के स्तर से राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलाने में सभी भारत वासियों के सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।  हिन्दी के प्रचार प्रसार में कटिबद्ध डा. रवींद्र शुक्ल के संकल्पों को सराहते हुए सबको हिन्दी की श्री सेवा में जुडने के लिए उन्होंने आग्रह किया। आचार्या  पी के जयलक्ष्मी जी ने संस्थागत कार्यकलापों एवं भावी कार्यकमों  की योजना पर विस्तृत प्रकाश डाला। हाल ही उन्होंने संस्था द्वारा में झाँसी में आयोजित कार्यक्रम में सक्रिय  भाग लिया।उन्होंने अपने अनुभवों को सबके साथ साझा किया!जो  हिंदी के भावी विकास की दिशा में  कार्य करने के किये अत्यंत प्रेरणाप्रद हो सकेगा।

अध्यक्ष महोदय कृष्णबाबू जी ने अपने वक्तव्य में संस्था की गरिमा एवं हिंदी भाषा के प्रयोग क्षेत्र व स्वरूप पर सोदाहरण प्रकाश डालते हुए हिंदी भाषा के संस्कृत निष्ठ रूप को अपनाने की बात कही जिससे पूरे भारत वर्ष के लोग आसानी से हिंदी भाषा को समझ सकेंगे।श्री गोरखनाथ  जी  ने संस्था की रूप रेखा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने पत्रकारिता के  क्षेत्र एवं उसकी आवश्यकता पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।उन्होंने श्री रवींद्र शुक्ल नई की मानस पुत्री  " हिंदी साहित्य भारती संस्था के प्रेरणा व उद्भव  पर सटीक  विवेचन प्रस्तुत किया।प्रवीण कुमार जी ने अपने व्यवसाय संबंधी रासायनिक एवं वर्तमान औषधियों के उत्पादन व क्रय संबंधी विषयों पर ज्ञान वर्धक विचार व्यक्त किया। प्रथम सत्र की समाप्ति के पश्चात कवि सम्मेलन में कवियत्रोयों ने अपने मधुर स्वर में कविता गान कर श्रोतावों को भाव विभोर किया।डॉ राजेश कुमार गौड़ जी ने अत्यंत सफलता पूर्वक सभा का संचालन किया। सतीश कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। सभा में  50  से अधिक हिंदी विद्वान एवं साहित्य प्रेमियों ने भाग लेकर सभा की शोभा बढ़ाई! कल्याण मंत्र के साथ सभा का समापन हुआ।

 

प्रेषक..लिंगम चिरंजीव राव