जयपुर । सांसद नीरज डाँगी ने राज्यसभा में तारांकित प्रश्न पर पूरक प्रश्न उठाते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से पूछा कि देश के गांवों में विशेषकर राजस्थान के समस्त गांवों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराये जाने की मूलभूत आवश्यकता एवं अधिकार की पूर्ति के लिए केंद्र सरकार द्वारा क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं। 
उन्होंने कहा कि राजस्थान के ऐसे गाँव जहाँ पर फ्लोराइडयुक्त पानी के कारण ग्रामीणों में अनेक बीमारियां हो रही है, उनकी मूलभूत आवश्यकता एवं अधिकार अनुरूप उन्हें स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने केन्द्र सरकार से जानकारी मांगी कि सरकार द्वारा वर्तमान में राज्यवार जिसमें राजस्थान में कितने प्रतिशत गाँवों में पेयजल प्रदान किया जा रहा है और शेष रहे गाँवों में पेयजल प्रदान किये जाने की केन्द्र सरकार की क्या योजनाएं है। उन्होंने केन्द्र सरकार से गांवों में पेयजल उपलब्ध कराये जाने की पुरजोर मांग करते हुए कहा कि सरकार इस विषय को गंभीरता से लेते हुए शीध्र योजना तैयार कर गाँवों में पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में कार्यवाही करें यदि कोई योजनाएं वर्तमान में संचालित है तो उन्हें पुनर्जिवित किये जाने की आवश्यकता है। केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री ने श्री डांगी के अतारांकित प्रश्न के प्रत्युतर में जल जीवन मिशन के तहत योजना की घोषणा के बाद अब तक मात्र 17 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को ही नल जल कनेक्शन दिये जाने की जानकारी दी। डांगी ने कहा कि केन्द्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री ने राजस्थान के कुल 43364 गांवों में से कितने गांवों को पीने योग्य पेयजल कराये जाने की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाकर बसावटों के अनुसार पेयजल उपलब्ध कराये जाने की सूचना सदन में प्रस्तुत की जिससे जल जीवन मिशन योजना की सफलता पर प्रश्न उठता है। डांगी ने कहा कि केंद्र सरकार को राजस्थान जैसे सूखाग्रस्त राज्यों के दूरदराज की ढाणियों तथा फ्लोराइड युक्त क्षेत्रों की बसावटों तक शीघ्र से शीघ्र पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में जरूरी कदम उठाया जाना चाहिए। डांगी ने संसद में रूस के साथ रुपया- रूबल कच्चा तेल करार से भारत-अमेरिका के संबंधों पर पडऩे वाले प्रभाव और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को लेकर असामाजिक तत्वों द्वारा भर्ती के नाम पर की जा रही धोखाधड़ी से संबंधित प्रश्नों को भी उठाया।