भाजपा ने की कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे जगदीश शेट्टार को हराने की तैयारी
नई दिल्ली। भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सीएसम जगदीश शेट्टार को चुनाव में हराने की तैयारी हो रही है। कर्नाटक में लिंगायत समाज के मतदाताओं को रिझाने की राजनीतिक लड़ाई में भाजपा कोई कसर नहीं रखेगी। यही वजह है कि भाजपा ने अपने पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को विधान सभा चुनाव हराने की पूरी तैयारी कर ली है। सबसे दिलचस्प तथ्य तो यह है कि एक जमाने में लिंगायत जगदीश शेट्टार को भाजपा में बढ़ावा दिलवाने वाले लिंगायतों के सबसे बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा ने ही अब उन्हें विधान सभा चुनाव में हराने का संकल्प ले लिया है और वही इस चुनावी अभियान की अगुवाई भी करते नजर आ रहे हैं। भाजपा से विधान सभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने के कारण राज्य के बड़े लिंगायत नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़ रहे हैं।
शेट्टार हुबली धारवाड़ सेंट्रल विधान सभा क्षेत्र से सातवीं बार चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस उन्हें सामने रखकर प्रदेश के लिंगायत मतदाताओं को लुभाने का प्रयास कर रही है, तो वहीं भाजपा शेट्टार को उनके ही मजबूत गढ़ में हराने की रणनीति पर काम कर रही है। बीएस येदियुरप्पा ने मंगलवार रात को हुबली में लिंगायतों का सम्मेलन बुलाकर लोगों को यह बताया कि पार्टी ने किस तरह से जगदीश शेट्टार को विधायक, मंत्री, विधान सभा स्पीकर, विधान सभा में विपक्ष का नेता और मुख्यमंत्री तक बनाया। लेकिन उन्होंने पार्टी को धोखा दिया है, विश्वास तोड़ा है और इसलिए जगदीश शेट्टार को किसी भी कीमत पर जीतना नहीं चाहिए।
येदियुरप्पा ने बैठक में यहां तक कहा कि वो स्वयं हुबली में रैली और रोड शो करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हुबली में आएंगे। पार्टी शेट्टार को हराने के लिए पूरी तरह से एकजुट होकर मेहनत करेगी। सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह ने भी हुबली में यह घोषणा की थी कि जगदीश शेट्टार इस बार चुनाव हारेंगे। शाह ने बागलकोट में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए इशारों-इशारों में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले जगदीश शेट्टार और लक्ष्मण सावदी पर तंज कसते हुए यह भी कहा था कि, अभी-अभी हमारे एक-दो नेता पार्टी छोड़ गए हैं, तो उनको लगता है कि बहुत बड़ा फायदा हो गया है। मैं कांग्रेस पार्टी को कहना चाहता हूं कि आपको कोई फायदा नहीं होने वाला है, क्योंकि आपने तो हमेशा लिंगायत समाज का अपमान ही किया है।