भाजपा ने आदिवासी बहुल सीटों के लिए तैयार की रणनीति
भोपाल । मध्य प्रदेश भाजपा द्वारा चलाए जा रहे महासंपर्क अभियान के तहत पार्टी ने आदिवासी बहुल सीटों के लिए अलग से रणनीति तैयार की है। मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर चलाए जा रहे महासंपर्क अभियान में बूथ प्रभारी, पन्ना प्रभारी, अर्द्धपन्ना प्रभारी सहित अन्य कार्यकर्ता घर-घर संपर्क कर प्रत्येक मतदाता तक पहुंचेंगे और डबल इंजन की सरकार (मोदी और शिवराज सरकार) की उपलब्धियां गिनाएंगे।भाजपा अपनी पूरी शक्ति इसी में लगाएगी। प्रदेश स्तर से कार्यकर्ताओं को उनके क्षेत्र के मतदाताओं की जिम्मेदारी सौंप दी गई है, उनसे कहा गया है कि वे मतदाताओं के सतत संपर्क में रहें और उन्हें सरकार द्वारा उनके लिए किए गए काम याद दिलाते रहें। साथ ही समझाएंगे कि आजादी के बाद से 70 साल तक कांग्रेस का शासन रहा, पर आपके जीवन में बदलाव लाने वाली भाजपा ही है। प्रधानमंत्री आवास सहित केंद्र और राज्य की अन्य योजनाओं के लाभार्थियों को यह अहसास भी कराया जाएगा कि उनके हित में भाजपा ने ही काम किया है। पेसा नियम लागू करने, मुख्यमंत्री अन्नदूत योजना या अन्य माध्यम से आदिवासियों के जीवन स्तर में सुधार के प्रयास किए गए हैं। मध्य प्रदेश में छह माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रदेश का ट्रेंड रहा है कि यहां जिसने आदिवासी वोट बैंक को साध लिया, उसकी सरकार बनती है। इसलिए 2020 में सरकार बनने के बाद से ही भाजपा आदिवासी वोट बैंक को साधने के प्रयास कर रही है। सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस मनाया। भोपाल में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल हुए थे, उन्होंने भोपाल की हबीबगंज स्टेशन का नामकरण गौंड रानी कमलापति के नाम पर किया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में जबलपुर में गौंड राजा रघुनाथ शाह-शंकर शाह का जन्म दिवस और सतना जिले में कोल महाकुंभ का आयोजन किया गया। इस समाज को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया गया, अब इस वर्ग को मतदान केंद्र तक लेकर जाना है।