रायपुर    15/10/2022..को समय 5.30 बजे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के वृंदावन हाल सिविल लाईन मे त्रिविधा संस्था व्दारा प्रो.सतीश देशपाण्डे जी "निर्विकल्प" जी की कृति "लडकी होने का मतलब" का विमोचन किया गया।श्री चितरंजन कर की अध्यक्षता मे और इस आयोजन मे मुख्य अतिथि श्री माणिक विश्वकर्मा जी और विशिष्ट अतिथि श्री संजीव बक्शी और श्री विवेक सक्सेना जी व नगर के गणमान्य लोगों और साहित्य प्रेमी लोगों ने इस सभा की शोभा बढाते हुए इस आयोजन को सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाने मे मदद प्रदान की..इसका संचालन शिशिर पाठक जी ने इस क्रम मे सतीश देशपांडे जी की बेटियों ने (निधि और स्वागत)सतीश जी के साहित्यिक जीवनवृत्त के बारे मे बहुत ही सुंदर प्रजंटेशन किया साथ ही उनकी कविताओं का पठन अत्यंत ही सराहनीय रहा। इसी कढी मे श्री विभूति नारायण मिश्र जी जो त्रिविधा संस्था से देशपांडे जी से जुडे रहे ,इसी क्रम मे सतीश देशपांडे जी के कालेज के सहपाठियों की उपस्थित ने उन्हें अभिभूत कर दिया. रायपुर से श्री सैमुअल राय,भगवान सिंह राठौर, शिव्तोस सरकार और रोहणी जी भिलाई से ए.वी.दुर्गा प्रसाद ,
इच्छापुरम श्रीकाकुलम जिले आंध्रप्रदेश से लिंगम चिरंजीव राव आदि। इसके बाद सभी मंचासीन अध्यक्ष,मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों ने उनकी कविताओं का पठन करते हुए किताब की समीक्षा की जो सराहनीय रही यह शाम हम सभी के लिए एक अविस्मरणीय शाम रहेगी।।

 

मित्र को समर्पित एक रचना।

 अंगारों पर चलना होगा

रोज हमें फिर अंगारों पर चलना होगा
मुश्किलों मे हमें साथ निकलना होगा।

फकत अखबारों की सुर्खियों मे नहीं
जमीनी धरातल पे हमें संभलना होगा।

उम्र के हर पडाव को पार कर रहे हम
अनुभवों की फिर नींव हमें गढना होगा

मुकद्दर आजमाने के दिन आज नहीं
दुआओ के सहारे,न कभी लडना होगा

'सतीश' ये जागीर तुम्हें ही सौंप रहे हम 
तुम्हें 'निर्विकल्प' हमेंशा महकना होगा

 प्रेषक..लिंगम चिरंजीव राव