भोपाल। मध्यप्रदेश में बाबुओं को अब सरकारी दस्तावेजों को दबाना भारी पड़ रहा है। राज्य सूचना आयोग में आरटीआई के तहत जानकारी मांगने पर ऐसे ही दो मामलों का खुलासा हुआ जिसमें दस्तावेज गायब हो गए।आरटीआई के तहत जानकारी नहीं मिलने के दो मामलों में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सुनवाई की और राहुल सिंह के हस्तक्षेप के बाद कार्य में लापरवाही करने वाले बाबुओं पर कार्यवाही की गई।
राज्य सूचना आयोग ने जब शासकीय विद्यालय गोहद भिंड के प्राचार्य रविंद्र सिंह चौहान को आरटीआई आवेदन के उल्लंघन के लिए तलब किया तो उन्होंने  आयोग को बताया आरटीआई प्रकरण में जानकारी नहीं देने के लिए उनके कार्यालय में कार्यरत लिपिक रामवरन सिंह गनक और जसवंत सिंह राठौड़ ने लापरवाही करते हुए आरटीआई आवेदन उनके समक्ष समय पर प्रस्तुत नहीं किया। इसलिए वे जानकारी नहीं दे पाए। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जब इस लापरवाही का प्रमाण मांगा तो फिर आनन-फानन में जिला शिक्षा अधिकारी जिला भिंड ने 17 अक्टूबर 2023 को आदेश जारी करते हुए रामवरन सिंह गनक और जसवंत सिंह राठौर सहायक ग्रेड 3 के दोनों ही कर्मचारियों की एक-एक वर्ष की वेतन वृद्धि असंचायी प्रभाव से रोक दी। 
वहीं एक और प्रकरण में जनपद पंचायत आरोन के लोक सूचना अधिकारी खंड पंचायत अधिकारी ने आयोग को यही दलील दी कि आरटीआई आवेदन की जानकारी इसलिए समय पर नहीं दी जा सकी, क्योंकि कार्यालय में कार्यरत लिपिक अनुपम अग्रवाल सहायक ग्रेड 2 की लापरवाही के चलते उनके द्वारा संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को आरटीआई आवेदन प्रेषित ही नहीं हो पाया। वहीं प्रथम अपीलीय अधिकारी का आदेश भी संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को प्रेषित नहीं होना पाया गया। इसके लिए भी खंड पंचायत अधिकारी ने अनुपम अग्रवाल को ही दोषी ठहराया। इस प्रकरण में भी राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने जब लापरवाही का प्रमाण मांगा तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत आरोन ने अनुपम अग्रवाल सहायक ग्रेड 2 के विरुद्ध कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर कार्य के प्रति उदासीनता और लापरवाही प्रदर्शित होने पर उनकी दो वेतन वृद्धि असंचायी प्रभाव से रोक दी।