जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के समस्त लाभ जन आधार कार्ड के माध्यम से दिये जाने की बजट घोषणा की अनुपालना में राजस्थान जन आधार प्राधिकरण, आयोजना विभाग तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा एनएफएसए राशन कार्डधारी सदस्यों की जन आधार से मैपिंग का माह जुलाई, 2021 से एक सघन अभियान चलाया जा रहा है। 
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने बताया कि मैपिंग अभियान के दौरान राशन कार्ड डेटा का राजस्थान सरकार स्वास्थ्य सेवाओं (आरजीएचएस) में नामांकित परिवार के सदस्यों से मिलान करने पर पाया गया कि 27 हजार 911 सरकारी कार्मिक ऐसे हैं जो या तो सरकारी नौकरी कर रहे हैं या सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होकर पेंशन प्राप्त कर रहे हैं और राशन का सस्ता गेहूँ भी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन सरकारी कार्मिकों में अधिकांश परिवार केवल एक, दो, तीन या चार सदस्यीय हैं। जिससे प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि ये सरकारी कार्मिक जानबूझ कर राशन के सस्ते गेहूं का लाभ ले रहे थे। सर्वाधिक 7 हजार परिवार चार सदस्यों के हैं और 5 हजार परिवार 5 सदस्यों के हैं। ज्यादातर परिवार ऐसे भी हैं जिन्होंने हाल ही में माह मार्च, 2022 का भी राशन का सस्ता गेंहूँ प्राप्त किया है।  शासन सचिव ने बताया कि इन सरकारी कार्मिकों में सर्वाधिक 3 हजार 379 परिवार जयपुर जिले के हैं। 3 हजार 200 से अधिक परिवार अलवर जिले के हैं। लगभग 15 हजार कार्मिक 7 जिलों जयपुर, अलवर, उदयपुर, बांसवाडा, कोटा, जोधपुर और डूँगरपुर से है।  जैन ने बताया कि विभाग ने निर्णय लिया है कि इन चिन्हित 27 हजार 911 सरकारी कार्मिकों से नियमानुसार राशि 27.00 रूपये प्रति किलोग्राम गेंहूँ के हिसाब से वसूली कर राशि राजकोष में जमा करायी जायेगी। इन सरकारी कार्मिकों के परिवारों के राशनकार्डों को तुरन्त प्रभाव से ब्लॉक किया जा रहा है तथा वसूली उपरांत इन राशनकार्डों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से हटा दिया जायेगा।