केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने रांची के पलांडू स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में कृषक वैज्ञानिक संवाद एवं कृषि प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस दौरान मुंडा ने कहा कि खेती और किसानों की वजह से ही हमारा अस्तित्व है।

हर स्वादिष्ट व्यंजन के पीछे किसानों की कड़ी मेहनत है। विकसित भारत संकल्प के तहत हमें कृषि उत्पादन को इतना बढ़ाना है कि हमें इनका आयात करने की जरूरत न पड़े और हम आत्मनिर्भर बनें। देश की बदलती अर्थ नीति को ध्यान में रखते हुए आधुनिक समय के अनुसार अधिक उपज और स्वस्थ पैदावार के लिए कृषि संस्थाएं काम कर रही हैं।

मुंडा ने ड्रोन तकनीक का किया जिक्र

मुंडा ने कहा कि किसान ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर अपना समय और संसाधन की बचत कर सकते हैं। उन्होंने झारखंड के किसानों को प्राकृतिक एवं वैज्ञानिक तरीकों से खेती करने, फलों एवं सब्जियों के बीज उत्पादन को व्यावसायिक तौर पर अपनाने की सलाह दी।

कहा कि जनप्रतिनिधि अनुसंधान केंद्र से जुड़कर अपने पंचायत को कृषि आधारित आदर्श पंचायत बनाएं तथा बीज ग्रामों को बढ़ावा दें। प्रगतिशील किसान एमलेन कंडुलना, कृषि उद्यमी सचिन झा एवं अंजली लकड़ा ने बताया कि अनुसंधान केंद्र के मार्गदर्शन में सब्जियों में संसाधन संरक्षण तकनीक, मडुआ का मूल्यवर्धन और मशरूम उत्पादन के जरिए वह सालाना चार से 10 लाख शुद्ध आय अर्जित कर रहे हैं।

रुद्राक्ष का पौधरोपण किया

कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने संस्थान से जुड़े प्रगतिशील किसानों और उद्यमियों को उन्नत बीज एवं कृषि यंत्र प्रदान किया। इस दौरान उन्होंने परिसर में रुद्राक्ष का पौधरोपण किया। कार्यक्रम में देश के पूर्वी राज्यों के 250 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना के निदेशक डा. अनूप दास ने बताया कि इस केंद्र ने अब तक सब्जियों की 52 एवं फलों की पांच उन्नत किस्म और अनेक उन्नत कृषि तकनीकों का विकास किया है जिनसे पूर्वी भारत के लाखों किसान लाभान्वित हो रहे हैं।