आगरा। जिंदगी और मौत के बीच 20 सेकेंड की दूरी थी। 16 साल की किशोरी अपनों से नाराज हो दुपट्टा गले में डाल पंखे पर लटक चुकी थी। दोनों पैर हवा में थे। स्वजनों और पुलिस ने खिड़की से किशोरी को मौत के नजदीक जाता देखा। पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) 95 के मुख्य आरक्ष्री नितिन कुमार और होमगार्ड देवी सिंह ने 20 सेकेंड में जिंदगी को मौत के पंजे से छीन लिया। गले से मौत का फंदा निकाल जिंदगी दोबारा गले लगा दी।

20 सेकेंड की पूरी कहानी

बातचीत में मुख्य आरक्षी नितिन कुमार ने किशोरी की जान बचाने के उन 20 सेकेंड की पूरी कहानी बताई। गुरुवार की रात करीब 11 बजे थे। मैं और देवी सिंह रिंग रोड पर तैनात थे। 112 नंबर पर सूचना आई कि तत्काल मदद चाहिए। देवी सिंह ने बाइक लोकेशन पर दौड़ा दी। तीन मिनट में हम लोकेशन पर थे। अंदर से महिलाओं के रोने और दरवाजा पीटने की आवाजें आ रही थी। हमें देखते ही किशोरी का पिता पास आया और बोला- सर बेटी ने ऊपर कमरे में खुद को बंद कर लिया है। मैं और देवी सिंह प्रथम तल पद बने कमरे की ओर भागे। कुछ ही सेकेंड में कमरे के सामने थे।

गैस सिलेंडर से तोड़ा दरवाजा

खिड़की से देखा तो स्थिति गंभीर थी। पहले कंधे से धक्के मारे, फिर गैस सिलेंडर से दरवाजा तोड़ा। किशोरी के पैरों को पकड़ गोद में ले लिया। देवी सिंह ने चाकू से रस्सी काटने का प्रयास किया। इस बीच स्वजन ने कैंची से फंदा काट दिया। बेटी की सांसें चलीं तो स्वजन पुलिस के कृतज्ञ हो गए। बोले- आपने ही हमारी बेटी बचा ली।

वर्ष 2011 बैच के हैं मुख्य आरक्षी नितिन

विनोद विहार कालोनी अलीग़ढ़ रोड हाथरस के रहने वाले नितिन कुमार वर्ष 2011 बैच के सिपाही हैं। वर्ष 2012 से आगरा में तैनात हैं। वहीं होमगार्ड देवी सिंह 12 नंबर कंपनी में हैं। वर्ष 2018 से पीआरवी पर तैनात हैं।

पुलिस आयुक्त ने किया सम्मानित

मुख्य आरक्षी नितिन कुमार और होमगार्ड को पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। पुलिस उपायुक्त नगर सूरज कुमार राय ने दोनों को पांच हजार रुपये नकद राशि का पुरस्कार दिया।