आज भारत के संविधान लिखने वाले डॉ भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि पूज्य बाबासाहेब ने अपना जीवन शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।

संविधान के निर्माता होने के अलावा, वह सामाजिक सद्भाव के एक अमर चैंपियन थे। मोदी ने अंबेडकर के बारे में आगे कहा, 'जो एक दलित परिवार से थे और वंचितों के हितों के लिए अपने समर्थन के साथ भारतीय राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक बन गए।'

समाज में हो रहे भेदभाव के विरुद्ध चलाया अभियान

बता दें कि बाबासाहेब का निधन 06 दिसबंर 1956 में हुआ था। उनके निधन के बाद से नेताओं ने, विशेष रूप से दलित पृष्ठभूमि वाले लोगों ने, अनुसूचित जातियों, एक प्रभावशाली मतदान समूह और अन्य कमजोर वर्गों को शिक्षा, संवैधानिक आंदोलन और उनके लिए एकीकरण के लिए आंबेडकर के प्रयासों के इर्द-गिर्द एकजुट किया है। 

बाबासाहेब एक बहुत बड़े अर्थशास्त्री, न्यायविद, राजनीतिज्ञ के साथ-साथ समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जीवन भर दलित जाति के हित और आजादी के लिए काम किया। उन्होंने समाज में हो रहे भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया। दलित पृष्ठभूमि से आने वाले अंबेडकर, वंचितों के अधिकारों की वकालत करते हुए भारतीय राजनीति में एक प्रमुख स्थान पर पहुंचे। 1956 में उनके निधन के बाद से, उनके विचारों की सराहना का विस्तार हुआ है।