आरा। भोजपुर जिले के बिहिया थाना क्षेत्र अन्तर्गत घाघा गांव में रविवार की रात पुलिस की छापेमारी के डर से भागे एक वारंटी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई। सोमवार की सुबह। गांव स्थित एक खंडहरनुमा घर के पास से फरार वारंटी का शव बरामद किया।

शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों का आक्रोश भड़क उठा और आक्रोशित लोगों ने शव के साथ बिहिया -घाघा पथ को जाम कर हो-हंगामा किया। मृतक 75 वर्षीय भीम साह घाघा गांव निवासी स्व. ज्ञानचंद साह के पुत्र थे। पेशे से किसान थे। इधर, हंगामा कर रहे गुस्साए लोग पट्टीदार से जुड़े लोगों पर गला हत्या का आरोप लगा रहे थे। इधर, जगदीशपुर एसडीपीओ राजीव चन्द्र सिंह ने बताया कि मृतक के शरीर पर कोई गंभीर जख्म नहीं पाया पाया गया है। शुरुआती जांच में ह्रदयघात से मौत की आशंका है। वैसे शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल,आरा भेजा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

कोर्ट से निर्गत वारंट के आधार पर गई थी पुलिस

इधर, मृतक के पुत्र उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2011 में करीब 60 बिगहा जमीन को लेकर पट्टीदार के लोगों से ही मारपीट हुई थी। जिसमें दोनों तरफ से प्राथमिक की भी दर्ज हुई थी। उस समय वे जेल भी गए थे और जमानत पर बाहर आए थे। इस बीच उनका बेल टूट गया था और कोर्ट से वारंट निकल गया था। रविवार की रात उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस घर आई थी। जिसके कारण वे रविवार की रात घर से निकल गए थे। काफी देर जब वह घर पर वापस नहीं लौटे तो देर रात तक उनकी काफी खोजबीन की गई। लेकिन, कुछ पता नहीं चल पाया।

गांव में ही खंडहरनुमा घर के पास मिला शव

सोमवार की सुबह एक व्यक्ति द्वारा सूचना मिली के गांव में ही पुराने उनके घर से करीब डेढ़ सौ मीटर दूरी उनके पुराने घर के खड़ी में एक बुजुर्ग का शव पड़ा है। सूचना स्वजन वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनके पिता का ही शव वहां पड़ा है। इसके बाद इसकी सूचना स्थानीय थाना को दी गई। दूसरी ओर, मृतक के पुत्र उमेश कुमार गुप्ता ने अपने पट्टीदार से ही चल रहे 60 बिगहा जमीन के विवाद को लेकर पट्टीदार के ही कुछ लोगों पर पिता की गला दबाकर हत्या करने का आरोप लगाया है। हालांकि, पुलिस अपने स्तर से मामले की छानबीन कर रही है। मृतक के परिवार में पत्नी शकुंतला देवी,तीन पुत्र उमेश कुमार गुप्ता,भोला गुप्ता सुनील गुप्ता व दो पुत्री ममता देवी एवं सीता देवी है। इस घटना के बाद मृतक की पत्नी शकुंतला देवी एवं परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।