जयपुर । ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चन्द मीना ने सवाई माधोपुर के जिला परिषद सभागार में अपने विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर विभिन्न विकास एवं व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं के क्रियान्वयन, निगरानी, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समय सीमा के सम्बंध में समीक्षा की। विभाग के मुख्यालय से आयेे अधिकारियों की 4 टीमों द्वारा जिले में किये गये औचक निरीक्षण और जॉंच की रिपोर्ट पर भी बैठक में समीक्षा की गई।
पंचायती राजमंत्री ने निर्देश दिये कि गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाये। अधिकारी अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा किये गये गुणवत्ता परीक्षण को खुद भी रैंडमली चौक करें अन्यथा गडबड़ी मिलने पर माना जायेगा कि वरिष्ठ अधिकारी की भी भागीदारी है। उन्होंने बताया कि खिचलीपुर में इंटर लॉकिंग में गुणवत्ता व मानक के उल्लंघन पर जांच के निर्देश दिये गये हैं। सारसोप में खेल मैदान के लिये निचले इलाके में भूमि चिन्हित की गई, इसके भराव व समतलीकरण करने में बहुत राशि खर्च होगी, इसके लिये दूसरी भूमि तलाशने के निर्देश दिये।  उन्होंने निर्देश दिये कि मनरेगा में अपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करवायें। इस बिन्दु में खंडार जिले मंय प्रथम स्थान पर है, बामनवास में प्रगति के निर्देश दिये। चालू वित वर्ष में मनरेगा में 137 करोड रुपये व्यय हुये हैं। औसत मजूदरी को बढाने के लिये उपस्थिति दर्ज करने के लिये थम्ब इम्प्रेशन मशीन मेट को उपलब्ध करवायी जायेगी ताकि प्रभावशाली लोग बिना काम किये भुगतान न प्राप्त कर सके। इससे वास्तविक कार्य करने वालों को बेहतर मजदूरी मिल सकेगी। उन्होंने रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन की संख्या शून्य करने के भी निर्देश दिये। पीएम आवास में किसी भी पात्र को योजना से वंचित न करने व लाभार्थी को समय पर भुगतान करने के निर्देश दिये। पंचायती राज मंत्री ने राजीविका और जल संरक्षण के कार्य ग्राम सभा में व्यापक विमर्श के बाद स्वीकृत करने के निर्देश दिये ताकि पात्र लोगों को पता चले कि उनके क्षेत्र में कौनसी योजना चलने वाली है तथा वे इसका कैसे लाभ उठायें या जनसहयोग करें।