जेपीएससी पेपर लीक मामले में जामताड़ा डीडीसी निरंजन कुमार की अगुवाई में गठित टीम ने डीसी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। डीसी कुमुद सहाय ने बताया कि रिपोर्ट व मौके से मिले सीसीटीवी साक्ष्यों से पहले ही साफ हो चुका है कि पेपर लीक की बात बस अफवाह थी।

वायरल वीडियो का सच जानने के लिए टेक्निकल सेल की टीम इसकी गहन पड़ताल में जुटी है। साथ ही एग्जाम सेंटर जेजेएस डिग्री कॉलेज मिहिजाम से परीक्षा के दौरान चार प्रश्न पत्र और 20 ओएमआर शीट कैसे निकले, इस बात की भी जांच की जा रही है। इस मामले में सेंटर पर मौजूद जिम्मेदारों से भी जवाब मांगा गया है ताकि पूरे प्रकरण की सही तरीके से पड़ताल हो सके।

इस घटना के बाद मामले में मिहिजाम पुलिस ने 21 नामजद अभियुक्तों पर प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें से तीन अभियुक्तों को मिहिजाम पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्त में विनीत कुमार, चंदन कुमार दास, चंदन कुमार दास तीनों अभियुक्त देवघर जिले के रहने वाले हैं। इन अभियुक्तों पर जेपीएससी परीक्षा के दौरान भ्रामक वीडियो वायरल करने व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप है।

क्या है पूरा मामला

जामताड़ा समेत पूरे प्रदेश में 17 मार्च को जेपीएससी परीक्षा आयोजित की गई थी। जामताड़ा जिले में कुल 19 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। लेकिन इस दौरान परीक्षा केंद्र जेजेएस डिग्री कालेज मिहिजाम परीक्षा प्रश्न पत्र वितरण के दौरान अभ्यर्थियों ने यह कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया था कि प्रश्न पत्र का बंडल खुला है।

इस दौरान कई भ्रामक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे और अब कई अभ्यर्थियों ने लगभग डेढ़ घंटे तक परीक्षा केंद्र के बाहर हंगामा करते रहे। इस दौरान जिले के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी मौके पर पहुंचकर अभ्यर्थियों को समझने का काफी प्रयास किया, लेकिन अभ्यर्थियों ने पेपर लीक होने की बात कह कर परीक्षा देने से इनकार कर दिया था।

इस वजह से परीक्षा केंद्र में अफरा तफरी के बीच कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। लेकिन इस दौरान भी परीक्षा केंद्र के बाहर कई अभ्यर्थी परीक्षा रद्द करने के जिद पर अड़े रहे और विरोध जताते रहे। ऐसे अभ्यर्थियों की जिला प्रशासन के द्वारा वीडियोग्राफी की गई थी और ऐसे 21 अभ्यर्थियों को नामजद और कई अज्ञात अभियुक्त बनाए गए थे।