भारी वाहनों की आवाजाही के लिए नेशनल हाईवे विभाग द्वारा बनाया गया एप्रोच पुल बह गया है। नंदनमारा पुल की जर्जर हालत के बाद भारी वाहनों की आवाजाही के लिए इसे बनाया गया था। मंगलवार से इस पुल से वाहनों की आवाजाही शुरू की गई थी, लेकिन दो दिनों से हो रही बारिश ने इस एप्रोच पुल के गुणवत्ता की पोल खुल गई है। एप्रोच पुल का एक हिस्सा पानी की मार नहीं झेल पाया और बह गया। छत्तीसगढ़ के बस्तर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कांकेर जिले के ग्राम नंदनमारा में सन 1976 में पुल का निर्माण कराया गया था। इस पुल के सहारे ही भारी वाहनों सहित अन्य वाहनों की आवाजाही हो रही थी, लेकिन जुलाई महीने की 22 तारीख को अचानक पुल का एक हिस्सा झुक गया। दिल्ली नेशनल हाईवे विभाग की ओर से जांच के लिए टीम पहुंची और भारी वाहनों पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया। भारी वाहनों को माकड़ी से डायवर्ट कर ग्राम बरदेवरी, कोकपुर, मालगांव, ठेलकबोड होते हुए बाईपास मार्ग से जगदलपुर की ओर भेजा जा रहा था. इस दौरान पुल के नीचे नदी में नेशनल हाइवे विभाग ने एप्रोच पुल का निर्माण शुरू किया। बड़े-बड़े पाइप के गोले लगाकर इसे बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। भारी वाहनों की आवाजाही के कारण देवरी मार्ग में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए। हादसे का डर लोगो को सताने लगा और उन्होंने 15 अगस्त को सड़क जाम कर वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। एप्रोच पुल तैयार होते ही 16 अगस्त से भारी वाहनों को इसी एप्रोच पुल से एक-एक कर वाहनों को भेजा जाने लगा। लेकिन यह भी बारिश की मार नहीं झेल पाया और एक हिस्सा बह गया। इस बात की जानकारी जब कांकेर सांसद मोहन मंडावी तो वह बुलेट से निरीक्षण के लिए पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के राज में भ्रष्टाचार चरम पर है, जिस बाईपास मार्ग और पुल को पहले बन जाना था वह 5 साल होने को है अब तक नहीं बन पाया है। इसी तरह केशकाल बाईपास का काम भी अब तक शुरू नहीं हुआ है। केंद्र सरकार इतना पैसा दे रही है, बावजूद इसके कार्य कुछ भी नहीं, जब मालूम था कि बारिश में इस तरह की स्तिथि निर्मित होगी तो क्यों लापरवाही बरतते हुए निर्माण किया गया। अब जब एप्रोच पुल बह गया है तो इस मार्ग से भारी वाहनों को आने जाने में काफी दिक्कत होगी, क्योंकि देवरी मार्ग व एप्रोच पुल के बंद हो जाने से कांकेर शहर से होकर गुजरने वाली वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ सकती है।