वलसाड | गुजरात में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के प्रचार में पहुंची कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भाजपा पर जमकर प्रहार किए| प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा के लोग कई खतरनाक बात कर रहे हैं| वह कहते हैं संविधान बदल देंगे| जिस संविधान से अधिकार मिला है उसे बदलने का क्या मतलब है? दरअसल ये लोग संविधान बदलकर लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं| दक्षिण गुजरात के वलसाड लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अनंत पटेल के समर्थन में धरमपुर में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि एक तीर एक कमान, आदिवासी एक समान| चुनाव के समय बहुत सारी बातें हो रही हैं और मैं भी अपने मन की बात रखने आपके समक्ष आई हूं| आप सभी भले ही मुझसे दूर बैठे हों, परंतु मेरे दिल के करीब हैं| करीब इसलिए हैं क्योंकि आप ही इस देश की महान जनता हैं| आप ने ही इस देश को अपने खून-पसीने से बनाया है और इस जमीन को सींचा है| प्रत्येक आंदोलन के वक्त आदिवासी समाज आगे आया है| आजादी की लड़ाई में भी आदिवासी समाज ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया| देश की मौजूदा परिस्थित को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी इस कदर बढ़ गई है कि सामने मुश्किल ही मुश्किल नजर आ रही है| आज देश की सामान्य जनता के लिए जीना मुहाल हो गया है| खासकर आदिवासी समाज के लिए| आदिवासी समाज के लिए जल, जंगल और जमीन एक संस्कृति है| प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरी दादी इंदिराजी हमेशा कहा करती थी कि उनके हृदय में सबसे अधिक आदर आदिवासी संस्कृति के लिए है| वह इसलिए कि आदिवासी समाज ने जल, जमीन, जंगल प्रकृति के नियमो का आदर कर जीवन के नियम बनाए हैं| उन्होंने कहा कि देश के आजाद होने के बाद बने संविधान के जरिए सभी समान अधिकार मिला| इसी संविधान ने जल, जंगल, जमीन का अधिकार दिया है| मतदान का अधिकार दिया है| कांग्रेस की महासचिव ने कहा कि आप ने सुना होगा कि भाजपा के नेता संविधान बदलने की बात कर रहे हैं| लेकिन मोदी मंच पर आते हैं तो कहते हैं कि ऐसी कोई मंशा नहीं है| सच यह है कि मोदी जो करना चाहते हैं उसे छोटे-बड़े नेताओं  बुलवा देते हैं और बाद में इंकार भी करते हैं| लेकिन सत्ता पर आते ही वही करते हैं जिसे वह पहले इंकार चुके हैं| भाजपा के नेता संविधान बदलने की कितनी खतरनाक बात कर रहे हैं| इसका मतलब साप है कि वह लोकतंत्र और देश की जनता को कमजोर करना चाहते हैं| प्रियंका गांधी ने कहा कि बीते 10 साल में आप के अधिकारों को मजबूत करने का कोई काम नहीं किया| केवल और केवल आपको कमजोर करने का ही काम किया है| इतना ही नहीं लोकतंत्र को बचाने वाली संस्थाओं को भी कमजोर किया है|