स्वर्ण हिंडोले में विराजे ठाकुर बांकेबिहारी, दर्शन को उमड़े भक्त....
वृंदावन में हरियाली तीज पर शनिवार को सुप्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर के आंगन में सुबह से ही स्वर्ण हिंडोला में ठा. बांकेबिहारी ने दर्शन दिए। वर्ष में एक बार होने वाले विशेष हिंडोला दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा है।
श्रावण मास शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शनिवार प्रातः 7.45 बजे ठा. बांकेबिहारी मंदिर में गर्भ गृह से बाहर आंगन में सोने, चांदी से जड़ित हिंडोले में ठा. बांकेबिहारी विराजमान हुए। देश-विदेश से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने प्रभु दर्शन किए। प्रभु की एक झलक पाने को भक्तों में होड़ सी मच गई। राजभोग की आरती के बाद गोस्वामियों ने हरियाली तीज पर हरे रंग की पोशाक एवं मुकट से लेकर सभी सोने, चांदी, हीरे, जवाहरात जड़े गहने धारण कराए। बांकेबिहारी की सेवा में चार गोपियां सेवा में रत हैं।
स्वर्ण हिंडोला के पीछे सजाई गई सुख सेज
स्वर्ण हिंडोले के पीछे प्रभु के विश्राम के लिए सुगंधित फूलों से सजी सुख सेज सजाई गई। इसके पास ठाकुरजी का चांदी से जड़ित पान बीड़ा, जलपात्र, पंखा और शीशा भी सेवा में रखा गया। इसके पीछे सेवायत आचार्यों का भाव है कि हिंडोले में झूलने के बाद भगवान इन सभी वस्तुओं की सेवा लेंगे। सुखसेज पर विश्राम करेंगे।
गोस्वामियों ने पदों का गायन कर ठाकुरजी को रिझाया
वर्ष में एकबार हरियाली तीज के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में भक्तजन सुबह से ही देर रात तक मंदिरों के आसपास जमे रहे। वर्षों से चली आ रही परंपराओं के अनुसार भक्तिभाव में विभोर हो बांकेबिहारी के गोस्वामियों ने अपने आराध्य को रिझाने के लिए स्वामी हरिदास द्वारा रचित पद झूलन चलो हिंडोलना वृषभानु नन्दनी..., बिहारी देखो रीं ललना, प्यारे झूलन पधारों झूम आये बदरा..., हिंडोले झूलत लाल दिन दुलहै पद स्वरमय गाये।
वर्ष में एक बार होते स्वर्ण हिंडोला में विराजमान ठाकुरजी के दर्शन
बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत मनोज गोस्वामी ने बताया कि बांकेबिहारी मंदिर में झूलनोत्सव हरियाली तीज के अवसर पर मनाया जा रहा है; जिसमें जन-जन के आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी महाराज सोने चांदी से बने हिंडोला में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दे हैं। वर्ष में एक बार होने वाले इन विशेष दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ठाकुरजी के दर्शनों का समय भी बढ़या गया है। ठाकुर जी छह घंटे सुबह और छह घंटे शाम को भक्तों को दर्शन देंगे।