दिल्ली विधानसभा में बंदरों का आतंक
दिल्ली विधासभा परिसर में बंदरों की समस्या काफी समय से है। अब दिल्ली सरकार स्थिति से निपटने के लिए प्रीमैट साइकोलॉजी में पारंगत विशेषज्ञों की तलाश कर रही है। बंदर अक्सर विधानसभा और आसपास के इलाकों में आ जाते हैं। विधासनभा में काम करने वाले एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि बंदर एक बड़ी समस्या बन गए हैं और काम करना मुश्किल कर दिया है। बंदरों ने कुछ अधिकारियों पर हमला भी किया है। वो खाने की चीजें छीन लेते हैं, कर्मचारियों की फाइलें भी छीन लेते हैं। इसी के साथ परिसर में खड़ी कारों पर कूदते हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं।
प्रीमैट साइकोलॉजी के विशेज्ञषों के सहारे इस समस्या का समाधान करने की प्रक्रिया करीब एक साल से चल रही है। पहले ऐसे लोग थे जो लंगूर की आवाज निकाल कर और उन्हें डराने के लिए अन्य तकनीकों का इस्तेमाल करते थे। अब हमने ऐसे लोगों के काम पर रखने का फैसला किया है, जिनके पास इस बारे में ज्यादा ज्ञान हो और वो प्रीमैट साइकोलॉजी को समझते हों। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उन्हें शिफ्ट में तैनात किया जाएगा इसके लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्डूयी) ने बंदर विशेषज्ञों की सेवाएं लेने के लिए 5 मार्च को टेंडर जारी किया था। इस परियोजना की अनुमानित लागत 12।91 लाख रुपये है। अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में बंदरों को दूर रखने के लिए दो लोग हैं। हम छह और लोगों को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं।