कोविड को लेकर प्रदेश में भी एहतियात बरतें-सीएम
जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर मुख्यमंत्री निशुल्क निरोगी राजस्थान योजना एवं प्रदेश में कोविड संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेशवासियों को इलाज के खर्च से चिंतामुक्त करने एवं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने की दृष्टि से राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री निशुल्क निरोगी राजस्थान जैसी महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। एक अप्रेल से प्रदेश में इसका ड्राई रन किया जा रहा है। अधिकारी ड्राई रन के दौरान सामने आने वाली बाधाओं एवं कमियों को दूर करते हुए आमजन के सुझावों के आधार पर इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें, ताकि जिस भावना के साथ यह योजना शुरू की गई है, उसका पूरा लाभ लोगों को मिले।
उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को ओपीडी एवं आईपीडी में निशुल्क उपचार उपलब्ध करवाने की यह योजना वृहद् स्तर पर लागू की जा रही है, इसलिए इसकी शुरूआत में कुछ बाधाएं एवं कमियां सामने आना स्वाभाविक है, लेकिन अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में आ रही बाधाएं जल्द से जल्द दूर हों। राजकीय चिकित्सा संस्थानों में उपचार के लिए आने वाले किसी रोगी को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत भर्ती होने वाले रोगियों को निशुल्क उपचार मिले और दवा आदि को लेकर किसी तरह की समस्या नहीं आए, इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों से लेकर सीएचसी एवं पीएचसी स्तर तक दवाओं एवं अन्य उपकरणों की सुचारू आपूर्ति की जाए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी राजकीय अस्पताल में मरीज से पैसे लेने या बाजार से दवा आदि लाने के लिए पर्ची लिखने की शिकायत प्राप्त नहीं हो। अस्पताल प्रशासन स्वयं दवाओं आदि का प्रबंधन करे। मरीजों को दवा के लिए बाहर नहीं जाना पड़े। उन्होंने कहा कि किसी भी अस्पताल में लपकों या दवा एजेंट आदि की शिकायत सामने आए तो सख्त कार्रवाई की जाए। गहलोत ने कहा कि निशुल्क आईपीडी एवं ओपीडी उपचार की यह योजना राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना है। ग्रामीण क्षेत्रों तक इसका पूरा लाभ मिले, इसके लिए योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। गहलोत ने राज्य में कोविड संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि देश के कुछ राज्यों एवं दुनिया के कई देशों में कोविड के केस फिर बढऩे लगे हैं। ऐसे में प्रदेश में भी एहतियात बरती जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य में वैक्सीनेशन पर विशेष जोर दिया जाए। प्रदेश में सभी पात्र लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के साथ ही बूस्टर डोज लगाने के अभियान को गति दी जाए। उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य हो। साथ ही भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रमों में मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवाई जाए। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया ने मुख्यमंत्री निशुल्क निरोगी राजस्थान योजना के क्रियान्वयन की स्थिति के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल ने एक प्रोटोकॉल भी तैयार किया है।