बरहेट बाजार स्थित भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व फील्ड पदाधिकारी मनोज कुमार राय के धोखाधड़ी मामले की जांच के क्रम में शुक्रवार को दूसरे दिन भी सीबीआइ बरहेट पहुंची। तीन सदस्यीय टीम एसबीआइ बरहेट पहुंच कर जांच पड़ताल कर रही है। सीबीआइ ने गुरुवार को बरहेट में कई जगह छापेमारी की थी।

चार अलग-अलग टीम सुबह करीब आठ बजे बरहेट बाजार स्थित सीएसपी संचालिका बबीता देवी के सीएसपी तथा उनके आवास, पेटखस्सा गांव के मनोज कुमार दास, डुमरिया गांव में मोहर्रम अंसारी तथा भागाबांध में कुर्बान अंसारी के घर पर छापेमारी शुरू की। टीम का नेतृत्व पुलिस इंस्पेक्टर रघुनाथ कुमार कर रहे थे। सीबीआइ ने बरहेट बाजार के हाटपाड़ा में बबिता देवी (पति दीपक ठाकुर) के सीएसपी में पहुंचकर जमा-निकासी के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।

टीम ने जमा-निकासी से संबंधित रजिस्टर भी देखा

टीम ने जमा-निकासी से संबंधित रजिस्टर भी देखा। कई रजिस्टर उपलब्ध नहीं कराने पर टीम ने नाराजगी व्यक्त की। सीबीआइ ने सीएसपी में पूर्व में कार्य कर रहे अब्दुल हाफिज के भोगनाडीह मोड़ पर स्थित सीएसपी में शाम में पहुंचकर जांच पड़ताल की थी। गौरतलब हो कि एसबीआइ की शिकारीपाड़ा शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक मनोज कुमार राय के खिलाफ फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया गया था।

बाद में उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। वह साहिबगंज की मुख्य शाखा के अलावा व्यक्तिक शाखा, कालेज शाखा में भी रह चुका है। उसने कई शादियां भी की है। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मार्च 2022 में बरहड़वा से पुलिस ने उसे पकड़ा था। हालांकि बाद में वह जमानत पर छूट गया था। इनदिनों साहिबगंज में ही उसके रहने की बात सामने आ रही है। यहां के कई कारोबार में उसकी पूंजी लगे होने की चर्चा है।

खाते का मोबाइल नंबर बदलकर उड़ाता था रुपया

फर्जीवाड़ा के आरोप में बैंक की सेवा से मुक्त किया गया मनोज राय खाते का मोबाइल नंबर बदल कर खाते से राशि उड़ाता था। उसने बरहड़वा रेलवे कालोनी निवासी हलधर राय के खाते से नवंबर 2019 में करीब 11 लाख रुपये उड़ा लिए थे। उनका खाता होटल कलिंगा में स्थित एसबीआइ की पीबी शाखा में था।

उसके पुत्र मोहन कुमार राय के बयान पर बरहड़वा थाने में मामला दर्ज किया गया था। अनुसंधान के क्रम में इस मामले में एसबीआइ की शिकारीपाड़ा शाखा (दुमका) के तत्कालीन प्रबंधक मनोज कुमार की भी संलिप्तता सामने आयी थी।

इसके बाद पुलिस ने मार्च 2022 में मनोज कुमार राय के साथ-साथ अनवर व सुनील को भी गिरफ्तार किया था। अनुसंधान के क्रम में यह बात सामने आयी कि बैंक द्वारा खाताधारक को भेजे गए एटीएम कार्ड व गोपनीय पिन को अपराधियों ने उड़ा लिया और एटीएम के माध्यम से कई किश्त में पैसे की निकासी की। पैसे की निकासी के बाद खाताधारक को मैसेज न मिले इसके लिए दुमका के शिकारीपाड़ा में स्थित एसबीआइ की शाखा के मैनेजर मनोज कुमार ने मोबाइल नंबर बदल दिया।

उस व्यक्ति के खाते से पैसा उड़ाने में साहिबगंज कालेज रोड में मोबाइल सर्विस सेंटर चलाने वाले अनवर व भरतिया कालोनी के सुनील का भी नाम आया था। सुनील पूर्व में एसबीआइ की पीबी शाखा में काम करता था।

मनोज कुमार मूलत: पटना के महावीर कालोनी का रहनेवाला है। वह सागर कालोनी लोहंडा में भी रहता था। सुनील कुमार साह भागलपुर के वारसलीगंज का रहनेवाला है।

भरतिया कॉलोनी में विमला देवी के मकान में रहता था। मनोज कुमार पर शिकारीपाड़ा में भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले में उसे सितंबर 2020 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इस मामले में वह जमानत पर जेल से छूटा था। तब उसकी गिरफ्तारी भागलपुर के शिवगंगा अर्पाटमेंट से की गयी थी।

चुनाव लड़ना चाहता था मनोज

साहिबगंज के पीबी ब्रांच के पूर्व मैनेजर मनोज कुमार ने शिकारीपाड़ा में शाखा प्रबंधक रहते हुए एक करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की थी। अंत में वह पकड़ा गया। उसकी गिरफ्तारी के लिए तब बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल में पुलिस को एक साथ छापेमारी करनी पड़ी।

उस दौरान उसने पूछताछ में बताया था कि वह राजमहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहता था। इसलिए वह धोखाधड़ी कर कमाए गए पैसे से लोगों के बीच धोती-साड़ी भी बांटता था।

इस चक्कर में उसने काफी रुपये खर्च कर दिये और वह कर्ज में डूब गया। ऐसे में वित्तीय बोझ बढ़ जाने के कारण ग्राहकों के खाते से ओवरड्रान कर वह पैसे की जमा निकासी किये गये 79 लाख रुपये को उसने अपने पास रख लिया था।

इसके अलावा शिकारीपाड़ा एटीएम में बीजीएल पर अधिक पैसे दिखाकर कम पैसे एटीएम पर डालकर पैसे का गबन उसने किया था। उसने 26 लाख रुपये धोखाधड़ी करने की बात स्वीकार की थी। उसके पास से 1.48 लाख रुपये नकद भी बरामद किया गया था।