रोहतक। हीट स्ट्रोक सताने लगा है। तापमान दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। तेज धूप के चलते अब टाइफाइड, फंगल इंफेक्शन, फूड पाइजनिंग, चिकनपाक्स, हेपेटाइटिस का खतरा बढ़ता जा रहा है।

बच्चों व बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोरी होती जा रही है। इसीलिए इन्हें सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। लापरवाही बरतने से जान को भी खतरा हो सकता है। चिकित्सकों के अनुसार तेज धूप से बचाव करना ही पहला इलाज है। खूब पानी पीएंगे तो बीमारियों से बचा जा सकता है। इस गर्मी के सबसे ज्यादा मामले त्वचा रोग के सामने आ रहे हैं। शरीर पर पींपल, दाद व खुजली के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। त्वचा रोग शरीर में पानी की कमी से होता है। जब शरीर में पसीना आएगा तो स्कीन ओयली हो जाती है और फिर बाहर से धूल व अन्य चीजें शरीर पर चिपक जाती है। इस कारण खुजली होने लगती है और फिर यह पींपल व दाद का रूप ले लेते हैं। फिलहाल त्वचा रोग के दिनभर दिन केस बढ़ते जा रहे हैं।

जानिए...क्या है हीट स्ट्रोक

लू चलने को हीट स्ट्रोक कहते हैं। चिकित्सीय भाषा में इसे हाइपरथर्मिया कहते हैं। अधिक प्यास लगना, सिर में तेज दर्द, बुखार, उल्टी, श्वास तेज चलना, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, पेशाब कम आना, बेहोश हो जाना इसके लक्षण है। इस स्थिति से बचने के लिए खाली पेट न रहें। लू के सीधे थपेड़ों से बचें। खूब पानी-लस्सी पिएं आदि तरल पदार्थों का उपयोग जरूर करें।

फंगल इंफेशन से होते हैं त्वचा रोग

फंगल इंफेक्शन के कारण सबसे ज्यादा त्वचा रोग होने का खतरा रहता है। इसके कारण पसीना आना, स्वच्छता पर ध्यान न देना है। इसलिए रोजाना मरीज आ रहे हैं। किसी अच्छे एंटीबायोटिक साबुन से सुबह-शाम स्नान करें। स्कैबीज के दाने भी शरीर पर दिखने लगेंगे और शरीर पर लाल रंगे के धब्बे जैसे दाद हो जाते है और ऐसे में मरीज एक-दूसरे से दूरी बनाएं रखें।

इन बातों का रखें खास ख्याल

  • घर से बाहर निकलने के पहले खूब पानी पिएं
  • धूप में निकलते समय सिर पर कैप पहनें
  • छाता का उपयोग करे
  • पानी, छाछ, ओआरएस घोल, लस्सी, नीबू पानी, आम का पानी पिएं
  • सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें
  • तेज धूप में ज्यादा समय तक रहने बचे
  • बुखार आने पर माथे पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें
  • घर में बना ताजा भरपेट ताजा भोजन खाएं
  • खाली पेट न रहें।-तेज मिर्च मसाले युक्त एवं बासी भोजन न खाएं