जयपुर । पिछले दो साल से कोरोना के कारण रूकी हुई राजस्थान की पैलेस ऑन व्हील्स (शाही ट्रेन) के पहिये रूके हुए थे जिन्हें अब चालू करने के लिए आरटीडीसी के नवनियुक्त चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ ने पटरी पर दौड़ाने के लिए राज्य सरकार के प्रपोजल को लेकर केन्द्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय के मंत्री और आला अफसरों से वापस पैलेस ऑफ व्हील्स शुरू करने के बीच आ रही आर्थिक कानूनी पेचिदगियों के मुद्दे को हल कर लिया है।
धर्मेन्द्र राठौड़ ने बताया कि हमने प्रस्ताव के जरिये कोरोना काल के दो साल में पैलेस ऑन व्हील्स के पहिये थमे रहे इस दौरान राज्य सरकार पर 4200 करोड़ की देनदारी हो गई थी जिसमें 20 करोड की रकम पुरानी गाड़ी को स्कैब के रूप में घटाया गया ऐसे बाकी बची राशि में भी केन्द्र सरकार के रेल मंत्रालय ने ब्याज मुक्त करने की बात कहीं है। राज्य सरकार सितंबर से पर्यटकों को शाही सवारी करवाने की नीति पर काम कर रही है।  इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल महीने से भारत गौरव ट्रेन के नाम से ट्रेनें चलना प्रस्तावित है वहीं अब पैलेस ऑन व्हील्स शाही ट्रेन में भी बदलाव करते हुए भारत गौरव ट्रेन पॉलिसी में चलाने की सहमति दी है, जिसे आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने सहमति जताई है। राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाकायदा बजट घोषणा में 1000 करोड़ का पर्यटन विकास कोष में गठन की घोषणा की थी  बजट घोषणा हेतु आरटीडीसी द्वारा 200 करोड़ का फंड लोन के रूप में राजस्थान स्टेट पावर फाइनेंस एवं फाइनेंस सर्विस कारपोरेशन लिमिटेड से लेने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया. ईडीजीएम द्वारा प्रस्ताव पारित कर आरटीडीसी को 200 करोड़ का फंड लोन के रूप में प्राप्त करने के लिए अधिकृत किया गया कंपनी की पैड अप कैपिटल 22 करोड रु से 80 करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव भी अनुमोदित किया गया. कंपनी के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में इस संशोधन के प्रस्ताव को भी अनुमोदित किया गया है। उन्होने कहा कि गहलोत सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।