जयपुर । उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के राजनीतिक नियुक्तियों को असंवैधानिक बताने वाले बयान पर जलदाय मंत्री और मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने पलटवार करते हुए कहा कि राजेन्द्र राठौड़ के बयानों को आजकल कोई गम्भीरता से नहीं लेता है। राजेन्द्र राठौड़ को चिल्ला चिल्लाकर कहना पड़ता है कि मैं भाजपा और संघ का नेता हूं। राजेन्द्र राठौड़ को न तो बीजेपी अपना मानती है और न ही संघ अपना मानता है। मंत्री और मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने अपने मित्र राजेन्द्र राठौड़ को अपनी खोई हुई साख को पुर्नस्थापित करने की सलाह दी।
जोशी ने कहा कि जनप्रतिनिधि को तथ्यात्मक बात करनी चाहिए ना कि अनर्गल बात। अन्यथा आने वाले समय में राजेन्द्र राठौड़ को और भी ज्यादा तकलीफ होगी। कांग्रेस नियम, क़ानून और मर्यादाओं से चलने वाली पार्टी है। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का सवाल आते ही कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। सोनिया जी दोबारा चुनाव लड़कर लोकसभा में जीतकर आई थी। कानून का सम्मान करना और संविधान का सम्मान करना ये कांग्रेस से अच्छी तरह कोई नहीं जानता है। सदन में गतिरोध खत्म करने की जिम्मेदारी विपक्ष की होती है। राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के धरना मामले में जलदाय मंत्री और मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने पलटवार करते हुए कहा कि सांसद डॉ. मीणा आजकल धरना जनप्रतिनिधि कहलाने लगे हैं। सांसद मीणा को आजकल कोई काम नहीं है इसीलिए धरना देने के मौके तलाशते रहते हैं। जोशी ने कहा कि सरकार नियम कायदे और कानूनों से चलती है ना कि अनावश्यक दबाव बनाने से। नियम और कानून के अनुसार जिसको जो मदद आवश्यक होती वो सरकार करती है। जोशी ने कहा कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा जैसे वरिष्ठ नेता को सरकार पर अनावश्यक दबाव नहीं बनाना चाहिए।