पुस्तकों में कॉपीराइट नहीं होने पर लगा जुर्माना
दिल्ली | जिला न्यायाधीश संजीव कुमार अग्रवाल ने आदेश में कहा कि कुछ सामग्री पवित्र पुस्तकों कुरान और हदीस में दी गई शिक्षा के समान होने के लिए बाध्य हैं और इस्लाम धर्म से संबंधित अन्य धार्मिक पाठ सभी पुस्तकों में समान होने के लिए बाध्य हैं, जो इस्लाम पर पढ़ाने के बारे में हैं। इन शिक्षाओं पर किसी का कॉपीराइट नहीं हो सकता है |अदालत ने स्पष्ट किया कि कुरान और अन्य इस्लामी पुस्तकों में शिक्षाओं पर किसी का कॉपीराइट नहीं हो सकता है। अदालत ने ‘इस्लामिक स्टडीज’ नामक पुस्तक के प्रकाशन पर दायर कॉपीराइट उल्लंघन के मुकदमे को खारिज करते हुए वादी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।जिला न्यायाधीश संजीव कुमार अग्रवाल ने आदेश में कहा कि कुछ सामग्री पवित्र पुस्तकों कुरान और हदीस में दी गई शिक्षा के समान होने के लिए बाध्य हैं और इस्लाम धर्म से संबंधित अन्य धार्मिक पाठ सभी पुस्तकों में समान होने के लिए बाध्य हैं, जो इस्लाम पर पढ़ाने के बारे में हैं। इन शिक्षाओं पर किसी का कॉपीराइट नहीं हो सकता है, जो पवित्र पुस्तकों कुरान और हदीस या अन्य इस्लामी पुस्तकों में लिखी गई हैं।यह मुकदमा दिल्ली के दरियागंज में स्थित इस्लामिक किताबों के प्रकाशक और निर्यातक इस्लामिक बुक सर्विस लिमिटेड द्वारा दायर किया गया था।