दोहा । फीफा विश्वकप फुटबॉल सेमीफाइनल में फ्रांस के हाथों मिली 2-0 की हार के साथ ही मोरक्को का अभियान समाप्त हो गया। वहीं फ्रांस की टीम खिताबी मुकाबले में पहुंच गयी। मोरक्को को हार जरुर मिली पर उसने उम्मीद से बेहतर खेलते हुए पहली बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। अब रविवार को होने वाले फाइनल में फ्रांस और अर्जेंटीना के बीच मुकाबला होगा। पहले सेमीफाइनल में अर्जेंटीना ने क्रोएशिया को हराया था। वहीं मोरक्को की टीम अब तीसरे स्थान के लिए होने वाले मुकाबले में शनिवार को क्रोएशिया से खेलेगी। 
सेमीफाइनल में हार के हार के बाद भी मोरक्को के प्रदर्शन की सभी ने सराहना की है। विश्वकप की शुरुआत में किसी ने नहीं सोचा था कि मोरक्को की टीम यहां तक पहुंचेगी। मोरक्को की टीम इससे पहले कभी इस टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में भी नहीं पहुंची थी। वह विश्वकप के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली अफ्रीकी टीम रही है। मोरक्को से पहले कैमरून 1990 सेनेगल 2002 और घाना 2010 में क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी। 
सेमीफाइनल में रैंकिंग और रिकॉर्ड के मामले में फ्रांस की टीम मोरक्को से काफी आगे थी पर इसके बाद भी मोरक्को के खेल से सभी हैरान थे। खेल के 27वें मिनट में मोरक्को को पेनल्टी मिलनी चाहिए थी पर थियो हर्नांडेज ने मोरक्को के सोफियान बाउफल को गिरा दिया था। मोरक्को की पेनल्टी अपील ठुकरा दी गई। साथ ही बाउफल को पीला कार्ड दिखाया गया।  मैच में आधे से अधिके समय तक गेंद मोरक्को के खिलाड़ियों के पास रही। इससे साफ है कि मोरक्को कहीं से भी पीछे नहीं रही।