शराब घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने शनिवार को ईडी की रांची स्थित विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह चार्जशीट 19 अक्टूबर को गिरफ्तार शराब माफिया योगेंद्र तिवारी के विरुद्ध दाखिल की गई है।

ईडी ने चार्जशीट में इस बात का पर्दाफाश किया है कि योगेंद्र तिवारी ने अधिकारियों के सहयोग से शराब बिक्री का टेंडर मैनेज किया था। ईडी ने चार्जशीट में योगेंद्र तिवारी के खास सहयोगी प्रेम प्रकाश के बारे में भी जानकारी दी है और बताया है कि योगेंद्र तिवारी ने प्रेम प्रकाश की मदद से शराब के धंधे में बड़ी पैठ बनाई थी।

चार्जशीट के अनुसार, जामताड़ा के स्टेशन रोड मिहिजाम निवासी योगेंद्र तिवारी अवैध तरीके से बालू के भंडारण व खनन, अवैध शराब के कारोबार व अवैध तरीके से जमीन की खरीद-बिक्री में संलिप्त रहा है। इससे उसने भारी मात्रा में अवैध संपत्ति अर्जित की। अवैध धंधे से प्राप्त धन का उपयोग उसने वर्ष 2021 में शराब की थोक बिक्री के लाइसेंस शुल्क का भुगतान करने में किया।

जमीन घोटाले में जेल में बंद प्रेम प्रकाश का मिला साथ

इसमें उसे प्रेम प्रकाश का भी साथ मिला, जो वर्तमान में अवैध खनन व जमीन घोटाले में जेल में बंद है। योगेंद्र तिवारी के ठिकाने से बरामद दस्तावेज से यह स्पष्ट हुआ है कि योगेंद्र तिवारी ने बालू व शराब का कारोबार अपने सहयोगियों व निजीकर्मियों आदि के नाम पर किया था। उनके नाम पर बैंक खाते भी खुलवाए। इनमें ऐसे कर्मचारी भी थे, जो योगेंद्र तिवारी की शराब दुकान के सेल्समैन थे।

सबका नियंत्रण उसी के पास था। अवैध धंधे से उसे भारी मात्रा में अवैध धन मिले, जिसे उसने अपने सहयोगियों व कर्मियों के उन बैंक खातों में जमा किया, जिसका नियंत्रण उसके पास था। उसने अपने व अपने परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर अवैध तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित की थी।  ईडी ने कोर्ट को यह भी जानकारी दी है कि योगेंद्र तिवारी ने अपने दो ईमेल आइडी को भी डिलीट कर दिया था।

ये ईमेल आइडी उसकी व्यवसायिक सक्रियता से संबंधित थे। उसने सबूत मिटाने की कोशिश की थी। उसने ईडी के सामने भी उक्त ईमेल आइडी से स्वयं को अनभिज्ञ बताया था। हालांकि, अनुसंधान के क्रम में उसके चार्टर्ड अकाउंटेंट अजय केशरी व अजय सिन्हा ने ईडी की पूछताछ में यह स्वीकार किया था कि उपरोक्त ई-मेल आइडी योगेंद्र तिवारी से संबंधित थे।

ईडी ने दो अन्य ईमेल आइडी की भी जांच की थी, जिससे यह पता चला था कि बहुत सी फाइल व दस्तावेज कई निजी लोगों व फर्म से संबंधित थे। ये बालू व शराब के व्यवसाय से संबंधित थे। सभी फाइल व दस्तावेज योगेंद्र तिवारी व उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट अजय केशरी की देखरेख में शेयर किए गए थे। यह साबित करता है कि बालू व शराब के सभी व्यवसाय योगेंद्र तिवारी ही नियंत्रित करता था।

देवघर के चार कांडों में एक ईसीआइआर दर्ज कर योगेंद्र तिवारी तक पहुंची थी ईडी ईडी ने देवघर के विभिन्न थानों में दर्ज अलग-अलग चार कांडों को एक साथ शामिल कर गत वर्ष 31 मार्च 2022 को ईसीआइआर दर्ज की थी। ये केस अवैध तरीके से दूसरे की जमीन पर कब्जा व फर्जी दस्तावेज पर खरीद-बिक्री, अवैध बालू कारोबार व अवैध तरीके से शराब की खरीद-बिक्री से संबंधित थे।

इस केस में अनुसंधान के दौरान 23 अगस्त 2023 को ईडी ने योगेंद्र तिवारी से संबंधित 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान इस बात का पर्दाफाश हुआ कि योगेंद्र तिवारी ने अपने कर्मियों, सहयोगियों के नाम पर बालू व शराब का कारोबार किया। ऐसे ही निजी व्यक्तियों पर कई अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज हुईं जो अवैध तरीके से बालू बेचने, अवैध शराब के भंडारण व धमकी से संबंधित थे।

फर्जी दस्तावेज पर राय बंगला की जमीन पर किया था कब्जा

ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि देवघर में दर्ज एक प्राथमिकी की शिकायतकर्ता शशि कुमार सिंह की पत्नी किरण सिंह थी। आरोप है कि किरण सिंह से संबंधित देवघर थाना क्षेत्र के श्यामगंज मौजा के कास्टर टाउन, बसूरी स्थित घर को योगेंद्र तिवारी ने फर्जी दस्तावेज पर ढहवा दिया, लूटपाट की।

यह घर राय बंगला के नाम से प्रसिद्ध था। योगेंद्र तिवारी ने फर्जी तरीके से राय बंगला को अपने मेसर्स सारण अल्कोहल प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स स्वास्तिक ट्रेडर्स के नाम पर खरीदा था। ईडी की छापेमारी में योगेंद्र तिवारी से संबंधित विभिन्न ठिकानों बहुत से अवैध दस्तावेज मिले थे।