दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से राजधानी में बढ़ते अपराध के सवाल का जवाब पत्र के जरिए दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अपराध को नियंत्रण में रखना उनकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर है। नियमित रूप से समय-समय पर पुलिस अधिकारियों के साथ सुरक्षा को लेकर समीक्षा व मॉनिटरिंग की जाती है।

एलजी ने मुख्यमंत्री से कहा कि सार्थक विषयों पर चर्चा के लिए उनका स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि अपराधों का राजनीतिकरण इन दिनों एक आदत बन गई है, लेकिन इससे हालात नहीं बदल सकते। अपना पद संभालने के पहले दिन से ही दिल्ली में अपराध और इसका नियंत्रण उनकी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रहा है। उन्होंने कहा कि वह पुलिस कमिश्नर के साथ नियमित समय पर दिल्ली की पूरी व्यवस्था की समीक्षा व मानीटरिंग करते हैं। पुलिस कमिश्नर व स्पेशल कमिश्नरों के साथ साप्ताहिक बैठकें करता होती हैं। इसके अलावा डीसीपी से भी समय-सयम पर बैठकें करके सारी स्थिति का जायजा लिया जाता है। इस पत्र में एलजी ने ‘विजिबल पुलिसिंग’ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि विजिबल पुलिसिंग अपराध के खिलाफ सबसे कड़ा निवारक है।

एलजी के जवाब पर सरकार का सवाल

उपराज्यपाल की तरफ से मुख्यमंत्री को भेजे गए जवाबी पत्र पर दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि ताबड़तोड़ आपराधिक वारदातों से थर्राई दिल्ली के लिए यह बेहद सुकून और राहत भरी खबर है कि उपराज्यपाल की कानून व्यवस्था को लेकर नींद खुल गई। हालांकि, उनकी सक्रियता जमीन पर कहीं दिखाई नहीं देतीं। 

पुलिस के साथ एलजी की लगातार विमर्श और बैठकों का नतीजा तो यह हो रहा है कि शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो, जब दिल्ली में कोई सनसनीखेज वारदात न होती हो। सवाल है कि पुलिस को आधुनिक बनाने से केंद्र और एलजी को किसने रोका है? सूत्रों का दावा है कि कानून व्यवस्था बेशक निर्वाचित सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, लेकिन इसके लिए आवाज तो उठानी ही पड़ेगी। चाहे एलजी इसे अनसुनी ही क्यों कर दें। केजरीवाल सरकार दिल्ली को इस तरह अपराध के भंवर में नहीं छोड़ सकती।