पटना। राजद और जदयू के पहली कतार के नेताओं के बीच भले ही संबंध सामान्य हों, लेकिन दूसरी कतार के कई नेता आपस में दो-दो हाथ कर रहे हैं। विधान परिषद में राजद के मुख्य सचेतक और बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने अधिसंख्य अधिकारियों की तुलना डाकू खड़गसिंह और अंगुलिमाल से की। जिसके बाद जदयू-राजद नेताओं ने सिंह की बयान पर टिप्पणी की है।

उनके इस बयान पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि महागठबंधन के घटक दलों के बीच सब ठीक है। कुछ लोग भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इसका महागठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

राजद विधान पार्षद सुनील सिंह सीमा पार कर रहे: अरविंद

जदयू के प्रदेश महासचिव अरविंद कुमार सिंह उर्फ छोटू सिंह ने शनिवार को कहा कि राजद विधान पार्षद सुनील सिंह सीमा पार कर रहे। महागठबंधन में रहकर राज्य सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, यह गलत है।

वहीं, जदयू महासचिव ने कहा कि राजद विधान पार्षद सुनील सिंह को मालूम होना चाहिए कि भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। राजद विधान पार्षद सुर्खियों में बने रहने के लिए इस तरह का बयान देते हैं, जिससे महागठबंधन पर ही विपक्ष के लोग टीका-टिप्पणी करने लगते हैं। वह महागठबंधन में दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या है मामला

राजद कोटे के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद छिड़ा तो सुनील ने पाठक की तारीफ कर दी और शिक्षा मंत्री के बारे में कह दिया कि वे विभाग पर ध्यान देने के बदले रामचरितमानस बांच रहे हैं।

सुनील सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने अधिसंख्य अधिकारियों की तुलना अंगुलिमाल और डाकू खड़ग सिंह से कर दी। सिंह ने फेसबुक पोस्ट पर अपने बारे में लिखा कि हमारी छवि भले ही ईमानदार की हो, मगर हमारे अधीनस्थ कई अधिकारियों की छवि अंगुलिमाल और खड़क सिंह जैसी है।

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई सुनील सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी पर भी हमला किया। चौधरी पर कहा कि वे भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने कहा-असल में अशोक चौधरी अपने लाभ के लिए दल बदलते रहते हैं।

उन्होंने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि वे जल्द ही जदयू से अपना नाता तोड़ लेंगे। सुनील सिंह यहां तक बोल गए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नियंत्रण में अब सबकुछ नहीं है।

जदयू के बड़े नेताओं ने तो सुनील सिंह की नोटिस नहीं ली लेकिन, जदयू के प्रवक्ता और नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सुनील कुमार सिंह ने शनिवार को कहा-राजद का शीर्ष नेतृत्व अपने ऐसे नेताओं पर लगाम लगाए। हमारी पार्टी का सब्र का बांध टूट सकता है।