नागरिकता संशोधन कानून पर एक बार फिर से जुबानी जंग शुरू हो गई है। पश्चिम बंगाल और केंद्र सरकार इसको लेकर पहले से ही आमने-सामने हैं। इस बीच बिहार में भाजपा व जेडीयू नेता भी इस मामले पर अगल-अगल बयान दे रहे हैं। एक तरफ भाजपा नेता कर रहे हैं कि सीएए को बिहार में भी लागू किया जाएगा, तो दूसरी ओर जेडीयू मंत्री का कहना है कि बिहार में इसे लागू करने का सवाल ही नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस समय पश्चिम बंगाल दौरे पर हैं। गुरुवार को उन्होंने एक जनसभा में कहा, कोरोना खत्म होते ही सीएए को पूरे देश में लागू किया जाएगा। इसके बाद से सीएए विवाद फिर शुरू हो गया है। 

बिहार में इस समय गठबंधन वाली सरकार है। सीएए पर अमित शाह के बयान के बाद भाजपा कोटे से मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा, सीएए को बिहार में भी लागू किया जाएगा। इस पर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा व जेडीयू के ही कोटे से मंत्री संजय झा ने कहा-इसे बिहार में लागू करने का सवाल ही नहीं उठता है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, अभी कोरोना फिर से बढ़ रहा है। हमारी चिंता कोरोना से लोगों को बचाने को लेकर है। कोई पॉलिसी की बात होगी तो उसे अलग से देखा जाएगा। उन्होंने कहा, यह केंद्र का फैसला होगा। 

सीएए पर अमित शाह के बयान के बाद बंगाल की सीएम ममता ने कहा, वे इस विधेयक को संसद में क्यों नहीं ला रहे हैं? मैं नहीं चाहती कि नागरिकों के अधिकारों पर अंकुश लगे। हम सभी को एक साथ रहना है, एकता हमारी ताकत है। आज, वह (अमित शाह) यहां बीएसएफ की राजनीतिक क्षेत्र में घुसपैठ कराने आए थे। ममता ने कहा, मैं आपका सम्मान करती हूं क्योंकि आप गृह मंत्री हैं। मेरा मार्गदर्शन न करें या बीएसएफ को राज्य पर शासन करने के लिए न कहें। यह आपका कर्तव्य है कि आप गौ तस्करी, घुसपैठ को रोकें और सीमाओं पर शांति सुनिश्चित करें।