चक्रवात 'दाना' के चलते बिहार में भारी तबाही: जानें किस क्षेत्र में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
पटना। ओडिशा में आए चक्रवात दाना का प्रभाव भले कमजोर पड़ गया हो लेकिन इसके प्रभाव से राजधानी का मौसम बदल गया है। दोपहर बाद कई इलाकों में हल्की बौछार भी पड़ी। शनिवार को राज्य के पूर्वी व दक्षिण मध्य भागों में हवा की गति 15-20 किमी रही। 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री की गिरावट संभव है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार ओडिशा के तट पर चक्रवात दाना का प्रभाव कमजोर हो गया है। मौसम में बदलाव के कारण पटना सहित प्रदेश के सभी जिलों के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना के अधिकतम तापमान में 4.3 डिग्री सेल्सियस की कमी के साथ 27.0 डिग्री सेल्सियस जबकि 33.8 डिग्री सेल्सियस के साथ मोतिहारी में सर्वाधिक तापमान दर्ज किया गया।
प्रदेश में कई स्थानों पर वर्षा भी दर्ज की गयी। पूर्णिया के अमौर में सर्वाधिक वर्षा 23.4 मिमी दर्ज किया गया। शुक्रवार को पटना सहित आसपास इलाकों में बादलों की आवाजाही बने होने के साथ कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी होने से मौसम सामान्य बना रहा।
प्रमुख शहरों में बारिश की स्थिति
पूर्णिया के बैसा में 18.6 मिमी, मधेपुरा के पुरैनी में 17.8 मिमी, कटिहार के बलरामपुर में 17.4 मिमी, सिवान के रघुनाथपुर में 15.2 मिमी, कटिहार के मानसी में 15.2 मिमी, पटना के खुसरूपुर में 13.6 मिमी, खगड़िया के बेलदौर में 13.2 मिमी, खगड़िया के गोगरी में 13.0 मिमी,पूर्णिया में 11.2 मिमी, मधेपुरा के बिहारीगंज में 11.2 मिमी, भागलपुर के सहायकुंड में 8.6 मिमी, भागलपुर के सुल्तानगंज में 8.4 मिमी, कटिहार के कदवा में 8.4 मिमी, भागलपुर में 7.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई ।
नवादा में दाना चक्रवाती तुफान ने धान को जमीन पर सुलाया
नवादा के रोह प्रखंड क्षेत्र में भी दाना चक्रवाती तूफान का खूब असर देखा जा रहा है। जिसके कारण एक ओर गुनगुनी ठंड का प्रकोप बढ़ने के साथ ही धान के फसल पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है। प्रखंड क्षेत्र में लगे सैकड़ों एकड़ धान की फसल हवा की तेज झोंको से बर्बाद हो गया है। धान की फसल की खेत में चादर सी बिछ गई है। जिससे पैदावार काफी कम हो जायेगा। किसान चिंतित हैं।
इतना ही नहीं जिन फसल में बाली नहीं लगा है उसमें बाली लगने की संभावना भी काफी छिन्न हो गई है। सबसे ज्यादा असर नजरडीह पंचायत के नेदौरा गांव में देखने को मिला है। ग्रामीण किसान मनीष कुमार चौहान, मोतीलाल चौहान, अंकित कुमार चौहान, रामखेलावन प्रसाद ने कहा कि अभी के तुफान से खेती पर बड़ा नुकसान पड़ा है।
चक्रवात दाना का अररिया में भी दिखा असर
चक्रवात दाना का असर अररिया में भी दिखा। सुबह से सूरज नहीं निकला। रिमझिम बारिश होने से ठंड जैसा महसूस होने लगा है। अन्य दिनों की तुलना में शुक्रवार को तापमान में गिरावट भी आई है। जिस तरह से मौसम बदल रहा है और बारिश की संभावना बन रही है उससे विलंब से धान बोया गया है उस फसल को बारिश होने पर क्षति पहुंच सकती है।
कई जगहों पर धान तैयार होने के कगार पर है। जिस तरह से मौसम बदल रहा है,बारिश होने की संभावना बन रही है। बारिश होने पर किसानों के समक्ष समस्या उत्पन्न हो सकती है। धान की फसल को प्रभावित कर सकता है।
वहीं, खेतों में धान के फसल लहलहा रहे हैं। एक दो सप्ताह में अधिकांश धान की कटाई होने की संभावना है। कृषि विज्ञान केंद्र अररिया के कृषि विज्ञानी डा संजीत कुमार ने कहा कि जहां पर खेतों में लगे धान फूट गया है। वहां फसल को नुकसान नहीं होगा। लेकिन जहां पर विलंब से बुआई हुई है अगर बारिश हुई तो नुकसान पहुंच सकता है।
अन्य दिनों की तुलना में शुक्रवार को तापमान में गिरावट आई है। आज का तापमान 26 डिग्री है। अररिया के किसान पंकज यादव ने बताया कि इस तरह का मौसम होने पर धान की फसल को क्षति नहीं पहुंचेगा। अगर तेज बारिश हुई तो फसल को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं उन्होंने कहा कि बारिश होने पर आलू को भी नुकसान पहुंचेगा।
किशनगंज में भी दिखा चक्रवात दाना का असर
दाना तूफान का बंगाल में प्रवेश करने के कारण मौसम का मिजाज बदल गया है। बंगाल के निकटवर्ती जिला किशनगंज में भी मौसम ने करवट ली है। रात्रि के समय बारिश होने से तापमान का पारा नीचे आया है। हल्की- फुल्की ठंड भी शुरू हो गई है। लगातार तापमान में गिरावट देखने को मिल रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात दाना का असर मैदानी इलाके में कुछ दिनों तक दिखने की संभावना है। हालांकि, जिला में भी चक्रवात दाना को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इस च्रकवात ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। किसानों के खेतों में धान लगभग पक कर तैयार हो गए हैं। लेकिन पानी पड़ने से पके धान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हल्की बारिश भी लगातार होते रहे तो धान के कल्ले से पके धान झड़कर गिर जाएंगे। जिससे किसानों को हानि हो सकती है।
खगड़िया में दिखा चक्रवात दाना का असर
दाना चक्रवात के प्रभाव के कारण मौसम का मिजाज बदलने से बीते बुधवार रात से रुक- रुककर रोज वर्षा हो रही है। गुरुवार देर शाम से तेज हवा के साथ खगड़िया जिले के विभिन्न भागों में वर्षा हुई। वहीं शुक्रवार को भी रुक- रुक कर हल्की वर्षा होती रही। सुबह से ही आसमान में काले बादल छाए रहे। इसके साथ ही वर्षा की फुहार होती रही। बादल के कारण भगवान सूर्य के दर्शन तक नहीं हुए। शाम तक हल्की- मध्यम तेज हवा के साथ रुक-रुककर वर्षा होती रही।
दिनभर आसमान में बादल छाए रहने और हल्की तेज हवा के साथ वर्षा होने से मौसम में ठंडक बनी रही। वर्ष के प्रभाव के कारण अधिकतम व न्यूनतम तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक की कमी आई है। शुक्रवार को न्यूनतम तापमान जहां 22 डिग्री सेल्सियस रहा, वहीं अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान में आज शनिवार को भी हल्की वर्षा होने की संभावना है। हवा 12 से 14 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार में चलेगी। मौसम पूर्वानुमान में वर्षा होने की संभावना आने वाले दो दिनों तक बनी रहेगी। हालांकि, इसे लेकर कोई चेतावनी नहीं दी गई है।
मौसम में ठंडक बनी रहेगी।मालूम हो कि गुरुवार की सुबह साढ़े आज बजे से शुक्रवार की सुबह साढ़े आज बजे तक जिले में 8.74 मिलीमीटर वर्षा हुई है। सर्वाधिक वर्षा बेलदौर में 13.2 मिलीमीटर हुई है। इसके बाद गाेगरी में 13.00 मिलीमीटर, परबत्ता में 12.2 मिलीमीटर वर्षा हुई है। मानसी में 10.4, चौथम में 8.2 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इधर जिला आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से नाव चालकों को सावधानी बरतने को कहा गया है। लोगों से वृक्षों के नीचे नहीं जाने की अपील की गई है।