भोपाल । मध्यप्रदेश की सत्ता का रास्ता मालवा निमाड़ से होकर गुजरता है। भाजपा ने यहां की 66 सीट में से 37 पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। बची 29 सीटों पर गुजरात फॉमुला लागू किए जाने की पूरी संभावनाएं बन रही है, क्योंकि टिकट वितरण का जो तरीका अपनाया जा रहा है वह ठीक वैसे ही है। ऐसा हुआ तो बड़े पैमाने पर नए चेहरों को अब मौका मिल सकता है। पार्टी के रवैये से मौजूदा मंत्री सहित 20 विधायकों की सांस ऊपर नीचे हो रही हैं।
भाजपा हर कीमत पर सत्ता में वापसी करना चाहती है, जिसके चलते हर गतिविधियों पर गृह मंत्री अमित शाह की निगाह है। सारे सूत्र उन्होंने अपने हाथ में ले रखे हैं। अब तक पार्टी चार सूची जारी करके 136 टिकटों की घोषणा कर चुकी है, जिसमें मालवा-निमाड़ की 37 सीट भी शामिल है। सी और डी केटेगरी को पहले दो चरणों में लिया गया तो सोमवार को जारी सूची में ‘ए’ ग्रेट की सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए गए। अब ‘बी’ केटेगरी की सीटों से उम्मीदवारों के नाम जारी करना बाकी है। इसको लेकर पार्टी खासी मंथन कर रही है।

सरकार बनाने में अहम भूमिका
पार्टी का मानना है कि ये सीटें ही सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी। इसलिए जरा सी चूक पार्टी को भारी पड़ सकती है। इसके चलते सभी सीटों पर कई पैमानों पर मंथन किया जा रहा है। कुल 94 सीटों में 29 मालवा-निमाड़ की भी हैं, जिसमें 20 विधानसभाओं में पार्टी के विधायक काबिज है। रोके जाने की एक बड़ी वजह यह भी है कि अधिकांश सीटों का सर्वे विधायकों का साथ नहीं दे रहा है, जिसमें संघ की रिपोर्ट भी कमजोर बताई जा रही है। इधर, पार्टी हर कीमत पर जीत चाहती है। इसलिए गुजरात फॉर्मूले पर खासा मंथन चल रहा है। ऐसा हुआ तो कई टिकट काट जाएगे। वहां पर जातिगत समीकरण के साथ प्रभाव को देखते हुए नए लोगों को मौका दिया जा सकता है।

यह है गुजरात फॉर्मूला
2022 के गुजरात चुनाव में भाजपा ने नया फॉर्मूला पेश किया था। पिछले चुनाव के 85 प्रत्याशियों को मौका नहीं दिया गया था, जिसमें मंत्री, विधायक और कई कद्दावर नेता भी थे। भाजपा ने बड़ी संख्या में युवा व महिलाओं को टिकट दिए थे, जिनकी उम्र 50 साल से कम थी। नए प्रत्याशियों ने युवा वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित किया, जिसका परिणाम यह रहा कि भाजपा बंपर सीटों से सरकार में आई।