पूजा पाठ के इन नियमों के पालन से भगवान होते है प्रसन्न
कपूर जलाना बहुत शुभ होता है। सुबह-शाम घर में संध्यावंदन के बाद कपूर जलाना चाहिये। पूजा पाठ के बाद कपूर जलाकर उसकी आरती लेने की परंपरा है। पूजा के कार्यो में कपूर का विशेष महत्व है। रात्रि को सोने से पहले कपूर जलाकर सोना शुभ फलदायी होता है।
कपूर का उपयोग घर का वास्तुदोष मिटाने में भी काम आता है। यदि घर मे सीढ़िया, टॉयलेट या घर का द्वार गलत दिशा में निर्मित है तो उस जगह कपूर की एक एक टिक्की जला दें, ऐसा करने से वास्तु दोष ठीक होगा।
शाम के समय की पूजा में हनुमान चालीसा पढ़ना अच्छा होता है। ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा मिलती है और साथ ही जाने अनजाने होने वाली अनहोनी से भी बच जाते है।
धूप दो तरीके से दी जाती है। पहला तरीका है गुग्गल कपूर की धूप और दूसरा गुड़ और घी मिलाकर जलते कंडे पर उसे रख कर धूप दी जाती है।
यदि आप रोज धूप नही दे पाते है तो आप तेरस, चौदस, अमावस्या और पूर्णिमा को सुबह शाम दोनो समय धूप अवश्य दे।
घर के किसी परिवार के सदस्यों पर संकट हो तो ऐसे व्यक्ति के ऊपर से एक पानी वाला नारियल उसके ऊपर से 21 बार वारे और उसे किसी देवस्थान पर जाकर अग्नि में जला दें।
यह उपाय आप मंगलवार और शनिवार को करें। यह उपाय 5 शनिवार या 5 मंगलवार करने से जीवन मे अचानक आये कष्ट से छूटकारा मिलता है।
हर दिन मंदिर जाना शुभ होता है। सोमवार को शिव मंदिर, मंगलवार को हनुमान मंदिर, दुर्गा देवी के मंदिर में बुधवार को, शुक्रवार को काली माता और लक्ष्मी माता के मंदिर में और शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर में जाये और रविवार के दिन विष्णु जी के मंदिर में जाये। इससे शुभ फल प्रलत होते है।
पूजा के शुभ कार्य मे कुछ वस्तुयें बहुत ही जरूरी होती है। धूप, दीप, चंदन, कुमकुम, अष्टगंध, जल, अगर, कपूर, घृत, गुड़, घी, पुष्प, फल, पंचामृत, पंचगव्य, नैवेध हवन, शंख, घंटा, रंगोली, मांडना, आंगन-अलंकरण, तुलसी, तिलक, मौली, स्वस्तिक, ॐ, पीपल, आप और केले के पत्ते इन सभी वस्तुओं का पूजा में उपयोग अत्यंत शुभ माना जाता है।
इन सभी बातों का पूजा में ध्यान रखने से पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है। पूजा करने वाले को शुद्धि का ध्यान रखना चाहिये। पूजा में बैठने से पहले स्नान करें और स्वछ वस्त्र धारण करें। इन सभी बातों से भगवान प्रसन्न होते है और उन पर ईश्वर की कृपा बनी रहती है।