चूरू । राजस्थान के चुरू में डॉक्टर आर के सुरेका पिछले 29 सालों से मिर्गी मरीजों का फ्री कर रहे हैं। वे उन मरीजों को पूरे एक माह की दवा भी निःशुल्क देते हैं। चूरू के निकटवर्ती रतननगर कस्बे में पिछले 29 सालों से कर रहे हैं। डॉक्टर सुरेका का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुका है। 
उल्लेखनीय है कि डॉक्टर सुरेका एक ट्रस्ट भी चलाते हैं। इस ट्रस्ट का नाम अब गोल्डन बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है। डॉ सुरेका ने बताया कि बच्चों में और बुजुर्गों में मिर्गी रोग ज्यादा पाया जाता है। बच्चों में मिर्गी रोग के कारण जन्म के समय बच्चों का ना रोना और उससे होने वाली ऑक्सीजन की कमी से मस्तिष्क को नुकसान होता है। जिससे बच्चों में दौरे पड़ सकते हैं। इसलिए महिलाओं को अपना प्रसव अस्पताल में करवाना चाहिए। अगर बच्चों में मिर्गी रोग हो जाए तो चिकित्सक को दिखाकर तुरन्त दवा लेनी चाहिए।  जिससे बच्चों के मस्तिष्क का विकास सही तरीके से हो सके। माता-पिताओं को बच्चों में मिर्गी रोग की वजह से पढ़ाई को नहीं रोकना चाहिए। डॉक्टर आरके सुरेका ने बताया कि इस रोग को पूर्ण रूप से मिटाने के लिए कम से कम 5 साल तक इलाज कराना पड़ता है। इस दौरान रोगी को एक भी गोली नहीं छोड़ी जानी चाहिए। दवाइयों और जांचों का खर्च मिलाएं तो करीब महीने का 1200 रुपये का खर्च है। ग्रामीण तांत्रिक बनकर इलाज करने वाले लोगों के पास जाकर 40-50 रुपए में झाड़-फूंक करवा लेते हैं क्योंकि 15-20 मिनट में इस दौरे के बाद मरीज़ खुद ही ठीक हो जाता है। एक दौरे से दूसरे दौरे के बीच का अंतराल 3 से 6 महीने का होता है इसलिए वे लोग नियमित इलाज नहीं करवाते हैं। दूसरी बात उनमें अशिक्षा, आर्थिक तंगहाली व अंधविश्वास भी भरा रहता है। उन्होंने बताया कि हर माह वो निशुल्क शिविर लगाते है। डॉ सुरेका अब तक 9000 रोगियों को निशुल्क दवाएं देकर मिर्गी से छुटकारा दिला चुके हैं।