आगामी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन ग्रहों के राजा सूर्य देव शनि की राशि मकर में प्रवेश करेंगे. इस दिन तिल और गुड़ की बनी चीजों को वितरित किया जाता है और इन्हें दान करना भी शुभ माना जाता है.उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के निवासी पंडित योगेश कुकरेती ने जानकारी देते हुए कहा कि इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इस दिन दान और स्नान का बहुत महत्व होता है. उन्होंने बताया कि साल में 12 संक्रांतियां होती हैं. किसी भी राशि में सूर्य का प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है. इसी तरह जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, उस समय को ही मकर संक्रांति कहते हैं.

गुड़ और तिल का चीजें दान

ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश कुकरेती ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन लोग काली दाल, चावल और खिचड़ी दान करने के साथ-साथ गुड़ और तिल की चीजें दान करते हैं क्योंकि इसका बहुत महत्व है. माना जाता है कि तिल के दान से शनि, राहु, केतु से संबंधित हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं. यदि किसी की शनि की साढ़ेसाती चल रही है, तो भी हर कष्ट से मुक्ति मिलती है. अगर तिल को गुड़ के साथ मिलाकर दान दिया जाए तो सूर्य और मंगल के दोष खत्म होते हैं. कई जगह बहते हुए जल में तिल-गुड़ डाला जाता है, ऐसा करने से हर तरह के कष्ट से मुक्ति मिलती है.

शनि ने अपने पिता सूर्य के क्रोध को शांत करने को प्रयोग किए थे तिल

शास्त्रों में बताया जाता है कि एक बार शनि के पिता सूर्यदेव उन पर किसी बात को लेकर बहुत क्रोधित हुए थे. जिसके बाद उन्होंने अपने पिता सूर्य के क्रोध को शांत करने को काले तिल का प्रयोग किया था. तब उनके पिता सूर्यदेव ने उनसे कहा था कि जिस दिन वह मकर राशि में प्रवेश करेंगे, उस दिन अगर कोई व्यक्ति पूजा में तिल का प्रयोग करेगा या दान करेगा, तो उसे शनि दोष से मुक्ति मिल जाएगी. तभी से मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ की चीजें दान किया जाने लगा है. लोग तिल और गुड़ से बनी रेवड़ी, गजक आदि भी लोगों में वितरित करते हैं.