शरद पवार और अजीत पवार के बीच में मतभेद?
मुंबई । महाराष्ट्र में अजित पवार के कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग को लेकर पूरे महाराष्ट्र में पोस्टर लगाए जा रहे हैं। हालांकि अजित पवार ने अपने कार्यकर्ताओं से पोस्टर लगाने के लिए मना किया है।
वहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने पार्टी में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं। उन्होंने मुंबई में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में कहा, कि अब रोटी घुमाने का वक्त आ गया है। इसलिए कार्यकर्ताओं और नेताओं को इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है। शरद पवार के इस बयान के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ गई है।
माना जा रहा है कि एनसीपी के अंदर की शरद पवार के वारिस बनने की होड़ शुरू हो गई है। अजित पवार चाहते हैं,कि शरद पवार उन्हें अपना राजनीतिक वारिस घोषित कर दें। वहीं सुप्रिया सुले भी शरद पवार की
उत्तराधिकारी बनने की होड़ में है। जिसके कारण चाचा और भतीजी के अपना वर्चस्व बढ़ाने की होड़ लग गई है।
महाराष्ट्र में जिस तरह की राजनीतिक स्थिति बनी हुई है। उसको देखते अजित दादा पवार अपने लिए एक अवसर मान रहे हैं। जिसके कारण शरद पवार को इस बुढ़ापे में अपनी शतरंज के मोहरे बड़े सोच समझकर चलाने पड रहे हैं। शरद दादा पवार के सामने सबसे बड़ा संकट यह है, कि वह पार्टी के वजूद को मजबूत बनाए रखें। चाचा और भतीजी के बीच में संबंध भी मधुर बने रहें। इसका प्रयास शरद दादा पवार कर रहे हैं।