दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है। हवा की गुणवत्ता अभी भी बहुत खराब क्षेणी में बनी हुई है। बुधवार को भी दिल्ली के आसमान में धुंध की छाई हुई है। दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'बहुत खराब' श्रेणी 339 पर दर्ज की गई है। दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा की बात करें तो यहां की भी हवा जहरीली बनी हुई है। नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'बहुत खराब' श्रेणी 371 में दर्ज की गई है। वहीं हरियाणा के गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'बहुत खराब' श्रेणी 338 में दर्ज की गई है।

दिल्ली- एनसीआर में बुधवार यानी आज से मौसम में बड़ा बदलाव हो सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने दिल्ली में बुधवार को बादल छाए रहने और बूंदा-बांदी या हल्की बारिश की संभावना जताई है। वहीं अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। बारिश होने पर दिल्ली में वायु प्रदूषण से राहत मिल सकती है। जो वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज है।

मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को भी दिल्ली में आसमान में बादल छाए रहने के साथ बूंदा-बांदी या फिर हल्की बारिश की संभावना है। दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा और हरियाणा के गुरुग्राम में भी मौसम कमोबेश दिल्ली की तरह ही रहेगा। मंगलवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 ज्यादा 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अधिकतम तापमान 30 डिग्री से नीचे पहुंच गया और 29.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

दिल्ली सरकार ने स्कूल खोलने और सरकारी कार्यालय के लिए वर्क फ्रॉम होम के फैसले को वापस ले लिया है। दरअसल 3 नवंबर को प्रदूषण की हेल्थ इमरजेंसी को देखते हुए कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट ने ग्रैप-4 की सख्त पाबंदियों को लागू किया था जो अब हवा में सुधार के साथ हटा दिया गया है। GRAP-4 को भले हटा लिया गया है। लेकिन ग्रैप-1 से ग्रैप-3 तक जारी पाबंदियां अभी जारी हैं।

सालाना एक्यूआई रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, इस साल जनवरी से लेकर जून माह तक एक भी दिन प्रदूषण कम नहीं हुआ। जुलाई में महज एक दिन ही हवा की गुणवत्ता को बेहतर माना गया था। इस रिपोर्ट को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सिर्फ पराली या शुष्क मौसम ही प्रदूषण का कारण नहीं है। पूरे उत्तर भारत में लंबे समय से हवा जहरीली है लेकिन सरकारों के प्रयास नाकाफी हैं।