अयोध्या । अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन हो जाने के बाद जब गर्भगृह में विराजमान रामलला के दर्शन के लिए मंदिर को आम श्रद्धालुओं और भक्तों के लिए मंगलवार को खोला गया तो वहां सैलाब सा दृश्य देखने को मिला। भारी भीड़ पूरी तरह से अनियंत्रित दिखी। दर्शनार्थियों का गलत अनुमान लगाने वाले जिला और मंदिर प्रशासन के भरे जाड़े मंे पसीने छूट गये। भीड़ को नियंत्रित करना नामुमकिन सा हो गया। स्थिति यह रही कि शाम पांच बजे तक करीब छह लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए। एक ओर जहां भीड़ को देखते हुए अयोध्या आने वाली यात्री बसों को रोकना तक पड़ गया वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अयोध्या की ओर रुख किया। इसके साथ ही उन्होंने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर का हवाई सर्वेक्षण किया।
हालांकि जिला एवं ट्रस्ट की ओर से दावा किया गया कि सारी व्यवस्थाएँ नियंत्रण में हैं। सुरक्षा हेतु आठ हजार से ज्यादा सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। इससे पहले एडीजी अयोध्या रेंज पीयूष मोर्डिया ने बताया था कि बढ़ती भीड़ लोगों की भक्ति है और हम चाहते हैं सब दर्शन करें। दर्शन रोके नहीं गए हैं, सबकी सुविधा की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये प्रशासन की विफलता नहीं है। उधर, रामलला के दर्शन करने के लिए सुबह तीन बजे से ही मंदिर में भक्तों की कतार लग गई। भक्तों की भीड़ को देखकर मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने कहा कि भीड़ अभूतपूर्व थी और उन्होंने जिला प्रशासन से उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने और व्यवस्थाएं जारी रखने का आग्रह किया है। ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा, हमें उम्मीद है कि दिन के दौरान अधिक भीड़ होगी जब स्थानीय लोग दर्शन के लिए आना शुरू करेंगे। दोपहर तीन बजे तक करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगा ली थी। 
भीड़ को देखते हुए यूपी रोडवेज ने अयोध्या की ओर जाने वाली बसें रोक दी हैं। परिवहन निगम के महाप्रबंधक ऑपरेशन मनोज पुंडीर ने बताया कि अयोध्या जाने वाली सभी मार्ग कि बसों का संचालन बंद किया गया है। स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मंदिर परिसर में मौजूद हैं। भक्तों को सुचारू दर्शन सुनिश्चित करने के लिए 8000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। यूपी के प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और स्पेशल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार स्थिति पर नजर रखने के लिए राम मंदिर के अंदर मौजूद हैं। मामले की जानकारी पर सीएम योगी ने वहां खुद ही जाने का निर्णय लिया है जिससे हालात पर नजर रखी जा सके। वहीं, लोगों की भारी भीड़ देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वो हड़बड़ाहट में अयोध्या न आएं। 10-15 दिन बाद आएंगे तो सुगमता से रामलला के दर्शन हो सकेंगे।