जेपी असिस्टेंट रजिस्ट्रार ने 7 बच्चों की आइसोलेट होने की बात कही
 

गुना   जिले के राघोगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत जेपी यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस ने दस्तक दी है। इस यूनिवर्सिटी में 20 छात्रों के संक्रमित होने की जानकारी यूनिवर्सिटी में मौजूद छात्र ने मीडिया को दी है। वही असिस्टेंट रजिस्टार ने इन सब बातों को अफवाह करार देकर कुल 7 बच्चों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होने की बात कही है।मिली जानकारी के अनुसार राघोगढ़ स्थित जेपी यूनिवर्सिटी में आज करीब 20 बच्चों के संक्रमित होने की जानकारी वहां पर मौजूद छात्र ने फोन कर मीडिया को बताई और कुछ वीडियो और फोटो भी वहां से मीडिया को भेजे गए हैं। साथ ही अपना नाम गोपनीय रखने की बात इस छात्र ने कही है।ऐसा इसलिए क्योंकि जेपी यूनिवर्सिटी प्रबंधन वहां पर सभी प्रकार की गतिविधियां चालू रखे हुए हैं, और छात्रों को वहां भय सता रहा के कि कहीं अब अन्य छात्रों को भी कहीं कोरोना न हो जाए।इस संबंध में जेपी यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट सब रजिस्टार दिग्विजय सिंह चौहान ने फोन पर बताया कि जेपी यूनिवर्सिटी में किसी भी बच्चे को कोरोना नहीं हुआ है। कुछ सर्दी, खांसी जुकाम के पीड़ित बच्चे एहतियात के तौर पर आइसोलेट किए गए हैं। और अभी इनका रैपिड टेस्ट आना बाकी है। ऐसे बच्चों की संख्या श्री चौहान ने 07 ही बताई हैं । और एक बच्चे का RT-PCR टेस्ट कराना बताया है।जेपी यूनिवर्सिटी के अंदर आइसोलेट एक छात्र ने जो कि सेकंड ईयर का है ने स्वयं मीडिया से स्वीकार किया है कि उसकी रिपोर्ट करोना पाँजिटिव आई है। इस छात्र ने यह भी बताया यूनिवर्सिटी प्रबंधन के पास एक हॉस्टल नम्बर 14 खाली था और इसी हॉस्टल में मेरे को आइसोलेट किया हुआ है।इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग राघोगढ़ के बीएमओ डॉ लक्ष्मी कुमार से बात हुई तो उन्होंने बताया कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, कि जेपी में कोई बच्चा आइसोलेट है, यह कोरोना पॉजिटिव है? इस प्रकार की जानकारी जेपी यूनिवर्सिटी के द्वारा हमें नहीं दी गई, आपने बताया तो मैं वहां पर जाकर चेक करा लेता हूं। जेपी के छात्र द्वारा दी गई जानकारी यदि सत्य है तो, यह बहुत ही गंभीर मामला है कि कोरोना जैसे गंभीर मामले में जेपी यूनिवर्सिटी प्रबंधन कोरोना आने के बाद भी जानकारी छुपा रहा है? इस बात की जांच प्रशासन करें, ताकि सच सामने आ सके।