जयपुर । कांग्रेस ने आजादी के बाद 40-50 साल सरकार भले ही चलाई हो पर 2014 में जब से भाजपा के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 337 सीटें जीतकर कांग्रेस को 44 सीटों पर समेट दिया और 2019 में 352 सीटों की जीत दर्ज कराकर कांग्रेस को इन 10 वर्षो में सत्ता से बेदखल कर भाजपा  दुनिया की किसी भी बड़ी पार्टी से सदस्य संख्या वाली पहली पार्टी बन गई और कांग्रेस देश की दूसरे नंबर की पार्टी हो गई यहां तक की भाजपा ने कांग्रेस को लोकसभा में विपक्ष के नेता बनने की सदस्य संख्या की संवैधानिक बाध्यता से वंचित भी कर दिया भाजपा ने सबका साथ सबका विकास नारा देकर कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का जो चुनावी ऐलान 2014 के चुनाव में किया था उसे मूर्तरूप देने की कवायद 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने शुरू कर दी है दक्षिण के कर्नाटक राज्य को  हारने के बाद उत्तर के तीनों हिन्दी भाषी राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनाकर कांग्रेस को अकेले चुनावी चुनौती लोकसभा के लिए देने की दमखम के लायक नहीं र्छोड़ा मोदी शाह भाजपा की रणनीति ने कांग्रेस की चुनावी प्रबंधन की कमर तोड़ दी पिछले 10 वर्षो में हर चुनाव जीतने का दमखम रखने वाली भाजपा ने अब इतना दमखम आ गया है कि पूर्व में एनडीए गठबंधन में 13 दल थे और मोदी शासनकाल में 38 दल है जरूर पर मोदी के चेहरे के आगे बाकी दलों की भाजपा को चिंता नहीं सताती क्योंकि भाजपा की आज 12 राज्यों में सरकारें है 28 राज्य, 8 संघ शाषित राज्यों के भारत में मोदी की भाजपा नीति सरकार संसदीय प्रणाली से चल रही है 2024 के चुनाव मार्च, अप्रेल में घोषित होने की उम्मीद है भाजपा के नीति नियंताओं ने इसके लिए लोकसभा की अबकी पार 400 पार का नारा दिया है जबकि कांग्रेस, क्षेत्रीय विभिन्न दल मिलकर इंडिया गठबंधन के बैनर से मोदी सरकार को केन्द्र की सत्ता से दूर करने की रणनीति पर एक मत नहीं हो पा रहे है भारतीय जनता पार्टी ने लगातार अपनी जीत दर्ज कराकर विपक्ष के इंडिया गठबंधन में शामिल 28 दलो के 63 नेताओ को चुनावी चुनौती दे दी है देखना होगा कि भाजपा द्वारा दी गई चुनौती को विपक्षी गठबंधन किन मुद्दो के आधार पर मोदी सरकार को केन्द्र की सत्ता पर तीसरी बार आरूण नहीं होने देगी।