आगरा। छह साल पहले राकेश बंसल को भ्रष्टाचारी मानते हुए मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह (तब विधायक आगरा ग्रामीण) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी। बुधवार को मीडियाकर्मियों के सामने भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की बात करने की बात कर रही थीं। आखिर अब ऐसा क्या हुआ कि मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाहा भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे राकेश बंसल का कवच बन गई। उन्होंने 234 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के राकेश बंसल पर लगे आरोपों को गलत तो बताया ही।

आरोप लगाने वालों से मांगे साक्ष्य

आरोप लगाने वालों से साक्ष्य भी मांगने लगीं। ग्रामीण विधानसभा से विधायक रहते हुए 2017 में मुख्यमंत्री को राकेश बंसल की विजिलेंस जांच कराने के लिए लिखा गया पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने लगा। अब यह चर्चा है कि विधायक से मेयर बनते ही उनकी नजर में राकेश बंसल पाक साफ हो गया है। मेयर ने कहा कि राकेश बंसल ने कैंप कार्यालय पर काम शुरू कर दिया है। उन पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं, साक्ष्य मिलते हैं तो जरूर हटा दिया जाएगा।

वर्ष 2017 का वायरल पत्र

राकेश बंसल नगर निगम में किसी आउटसोर्सिंग कर्मी के रूप में कार्यरत हैं। राकेश बंसल पर अपने कार्यकाल के दौरान फर्जी अवैधानिक कार्य करते हुए करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोप हैं। सुरेश चंद्र निगम द्वारा राकेश बंसल के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोप गंभीर प्रवृत्ति के हैं। शिकायती पत्र में वर्णित आरोपों का अवलोकन कर राकेश बंसल के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान से जांच कराए जाने के आदेश पारित करने की कृपा करें।

कहा था भ्रष्टाचारी नहीं चाहिए

बुधवार दोपहर दो बजे मुझे भ्रष्टाचारी अधिकारी नहीं चाहिए। भ्रष्टाचारी अब नहीं चल पाएंगे। मीडियाकर्मियों से नाम पूछते हुए कहा कि आप बताइए? मीडियाकर्मियों ने राकेश बंसल और एक अन्य का नाम लिया। उन्होंने कहा कि कोई भी हो, उनके समय में नहीं चलेगा।

ओएसडी क्यों बनाया 

प्रश्न - भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे राकेश बंसल को ओएसडी क्यों बनाया? 

मेयर- मेरा मानना है कि ढ़ाई साल पहले राकेश बंसल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे लेकिन सिद्ध नहीं हुए। उन्हें 15 वर्ष का अनुभव है, कार्यालय नहीं चल पा रहा था इसलिए उन्हें ओएसडी बनाया। विजिलेंस की जांच में भी आरोप सिद्ध नहीं हुए।

प्रश्न- आपके विजिलेंस जांच की रिपोर्ट देखी है, ऐसा भी कहा जा रहा है कि कोर्ट में मामला चल रहा है।

मेयर - यह आप विजिलेंस के अधिकारियों से पूछिए, राकेश बंसल से रिपोर्ट मांगिए। जहां तक कोर्ट में मामला चलाने की बात है तो कोर्ट निर्णय लेगा।

प्रश्न - विधायक डा. जीएस धर्मेश ने भी शिकायत की थी।

मेयर - मेरी उनसे बात हुई थी उन्होंने बताया कि तीन वर्ष पहले शिकायत की थी लेकिन आरोप सिद्ध नहीं हुए।

प्रश्न - राकेश बंसल कंप्यूटर आपरेटर थे, ऐसा का अनुभव देखा जो ओएसडी बना दिया

मेयर - राकेश बंसल ने नगर निगम के तीन सेशन कराए, नगर आयुक्त और मेयर के लिए काम किया। उनके इसी अनुभव को देखते हुए ओएसडी बनाया है।

प्रश्न - इस निर्णय से आपकी छवि धूमिल हो रही है।

मेयर- कोई छवि धूमिल नहीं हो रही है। अनुभवी व्यक्ति चाहिए था इसलिए रखा है।

प्रश्न- नगर निगम में 30 वर्ष के अनुभव वाले कर्मचारी हैं उन्हें क्यों नहीं मौका दिया।

उत्तर- यह मेरा अधिकार है, राकेश बंसल वास्तव में दोषी है तो साक्ष्य दें उसे हटा दूंगी।