जयपुर । राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने केन्द्र सरकार से राजस्थान की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 'जल जीवन मिशनÓ के अंतर्गत प्रदेश को अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की मांग की है।  डांगी ने राज्यसभा में विशेष उल्लेख के माध्यम से केन्द्र सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के नीतिगत निर्णय के अनुसार ''जल जीवन मिशन'Ó (जेजेएम) के तहत राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को जल की गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों, सूखा प्रभावित और रेगिस्तानी क्षेत्रों, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की बहुसंख्यक आबादी वाले गांवों के सभी घरों को समयबद्ध तरीके से नल के पानी का कनेक्शन प्रदान करने को प्राथमिकता देने के प्रावधान है। इसलिए राज्य के राजस्व गांवों की तुलना में आदिवासी और रेगिस्तानी क्षेत्रों के परिवारों को विशेष लाभ सुनिश्चित करने के लिए राज्य को अतिरिक्त वित्तीय सहायता की अति आवश्यकता है। 
सांसद डांगी ने राज्यसभा में कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य एवं जनसंख्या घनत्व में 24वें स्थान पर है। प्रदेश का 58 प्रतिशत भू-भाग रेगिस्तानी क्षेत्र है, जो 11 जिलों के 10,749 गांवों में फैला है। जबकि राज्य का 12 प्रतिशत भू-भाग आदिवासी क्षेत्र है। जिसमें 8 जिलों के 5697 गाँव शामिल हैं। उन्होंने सदन में कहा कि जल जीवन मिशन का क्रियान्वयन सार्वजनिक निधि से होता है, इसलिए इस निधि का समुचित उपयोग सुनिश्चित करके जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे का निर्माण करते समय राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राजस्व गांवों के घरों की तुलना में आदिवासी और रेगिस्तानी क्षेत्रों के लोगों को जो कि सबसे गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों में से हैं, उन्हें नल कनेक्शन हेतु सामान्य परिवारों से ज्यादा भुगतान का भार पड़ता है।  डांगी ने इस बात पर जोर दिया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव को भी द्वष्टिगत रखना अत्यन्त आवश्यक है और राजस्थान की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के मध्यनजर 'जल जीवन मिशनÓ के तहत राज्य के लिए विशिष्ट कार्य नीति एवं संशोधित मैचिंग ग्रांट उपलब्ध किया जाना आवश्यक है।